kolkata police found Family was under Rs 16 crore debt lavish lifestyle in triple murder case
Kolkata Triple Murder Case: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पिछले महीने हुए तिहरे हत्याकांड की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पुलिस के अनुसार, 16 करोड़ रुपये का भारी कर्ज इस जघन्य अपराध की वजह बना.
मुख्य आरोपी व्यवसायी प्रसून डे ने अपनी पत्नी रोमी डे, 14 वर्षीय बेटी और भाभी सुदेशना डे की हत्या कर दी. पुलिस ने मंगलवार (04 मार्च,2025 ) को बताया कि प्रसून ने हत्या की बात कबूल कर ली है.
कैसे हुआ तिहरा हत्याकांड?
19 फरवरी को कोलकाता के तंगरा इलाके में एक घर से तीन शव बरामद हुए. पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या 17 और 18 फरवरी को हुई थी. प्रसून ने पुलिस को बताया कि 17 फरवरी को उसने, उसके भाई प्रणय डे, भाभी सुदेशना और पत्नी रोमी ने आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे.
प्लान बी: अगर वे जीवित बच गए, तो वे एक-दूसरे की हत्या में मदद करेंगे.18 फरवरी को रोमी ने अपनी बेटी के पैर पकड़े, और प्रसून ने तकिए से उसका गला घोंट दिया.इसके बाद, प्रसून ने रोमी और सुदेशना की कलाई और गला काटकर उनकी हत्या कर दी.हत्या के बाद, प्रसून ने नींद की गोलियां खा लीं और सो गया.
कैसे सामने आया मामला?
दरअसल, हत्या के समय, प्रणय और उसका 15 वर्षीय बेटा घर की ऊपरी मंजिल पर थे. अगले दिन, प्रणय और उसके बेटे ने आत्महत्या का नाटक करने के लिए अपनी कार को मेट्रो के खंभे से टकरा दिया. इस दुर्घटना के बाद पुलिस को घटना का पता चला और शव बरामद किए गए.
16 करोड़ के कर्ज में डूबे थे दोनों भाई
संयुक्त पुलिस आयुक्त रूपेश कुमार ने बताया कि दोनों भाइयों पर 16 करोड़ रुपये का कर्ज था. घर गिरवी रखा हुआ था, बैंक खातों में पैसे नहीं थे. तीन कारों में से दो की किश्तें (करीब 47 लाख रुपये). बकाया थीं विदेश यात्राओं और महंगी जीवनशैली के कारण वे कर्ज में डूबते चले गए.
प्रणय की गिरफ्तारी की तैयारी में पुलिस
प्रसून डे को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि प्रणय अस्पताल में भर्ती है. पुलिस जल्द ही प्रणय को गिरफ्तार कर आमने-सामने पूछताछ करने की योजना बना रही है. हत्या के बाद, प्रणय का 15 वर्षीय बेटा अकेला रह गया है. पुलिस ने सभी रिश्तेदारों से संपर्क किया, लेकिन कोई भी उसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है. मंगलवार (04 मार्च,2025 ) को सियालदह अदालत में पेश किए गए प्रसून डे ने मुफ्त कानूनी सहायता लेने से इनकार कर दिया.