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Sirsa Farmers Protest in support of jagjit singh dallewal hunger strike for msp ANN


Farmers Protest: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण-अनशन को 100 दिन पूरे हो गए हैं. एमएसपी गारंटी कानून के लिए 13 फरवरी 2024 से किसान आंदोलन का आगाज हुआ था. शंभू खनौरी और रतनपुर बॉर्डरों पर किसानों का धरना जारी है.

बॉर्डर पर बैठे किसानों से लंबे समय तक भारत सरकार ने बातचीत नहीं की. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसानों की मांगों को मनवाने के लिए 26 नवंबर से आमरण-अनशन शुरू कर दिया. संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक भारत और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर देश भर में किसानों ने बुधवार को जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल की.

हरियाणा के सिरसा में भी किसानों ने सांकेतिक आमरण-अनशन का आह्वान किया था. लघु सचिवालय में सांकेतिक आमरण-अनशन के लिए जाते हुए किसानों को पुलिस ने रेलवे पुल पर रोक लिया. पुलिस के रोके जाने से नाराज किसानों ने रेलवे पुल पर हड़ताल शुरू कर दी. लगभग डेढ़ घंटे बाद किसानों को डीसी ऑफिस जाने दिया गया. भारतीय किसान एकता के प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख की अध्यक्षता में 24 घंटे के लिए 100 से भी ज्यादा किसान आमरण-अनशन पर बैठ गए हैं.

जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन को सौ दिन पूरे, सिरसा में 100 किसानों की एकदिवसीय भूख हड़ताल

जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल के 100 दिन

बता दें कि भारतीय किसान एकता ने पिछले दिनों डल्लेवाल के समर्थन में बड़ा फैसला लिया था. फैसले के तहत गुरुवार सुबह 11 बजे तक 100 किसान एकदिवसीय भूख हड़ताल पर बैठ गए. लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि किसानों को एमएसपी दिलवाने के लिए डल्लेवाल शरीर पर कष्ट झेल रहे हैं. डल्लेवाल देश के किसान और मजदूर वर्ग की लड़ाई लड़ रहे हैं. हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि किसान आंदोलन-2 को मजबूत करने के लिए डल्लेवाल की ताकत बनें.

सिरसा में भी किसान आंदोलन-2 को मिली मजबूती

19 मार्च को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ 7वें दौर की वार्ता होनी है. औलख ने कहा कि बीती रात संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक भारत की जूम मीटिंग हुई. मीटिंग में देश भर के जिला मुख्यालयों पर 5 मार्च को सांकेतिक भूख हड़ताल करने का फैसला हुआ था. 5 मार्च को डल्लेवाल के आमरण अनशन का 100 दिन पूरा भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि 8 मार्च को शंभू, खनौरी और रतनपुरा बॉर्डरों पर एमएसपी गारंटी कानून को समर्पित महिला दिवस मनाया जाएगा. पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से बड़ी संख्या में किसान- मजदूर महिलाएं बॉर्डरों पर पहुंचेंगी. 

सुरेन सावंत की रिपोर्ट

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