Delhi University Vice Chancellor Professor Yogesh Singh on Teaching Manusmriti and Baburnama in DU completely False ANN
Delhi University News: दिल्ली यूनिवर्सिटी में मनुस्मृति और बाबरनामा पढ़ाने को लेकर चर्चा के बीच डीयू प्रशासन ने इस पर अपना रूख साफ कर दिया है. एबीपी न्यूज ने सुबह बताया था कि DU में मनुस्मृति और बाबरनामा के पढ़ाए जाने को लेकर चल रही चर्चा पूरी तरह से गलत है. इसके बाद अब एबीपी न्यूज की खबर पर मुहर भी लग गई है. डीयू के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने इन किताबों के पढ़ाने जाने को लेकर ऐसी किसी योजना से इनकार किया है.
कई मीडिया रिपोर्ट में यह बताया गया था कि DU में मनुस्मृति और बाबरनामा पढ़ाए जाने को लेकर प्रस्ताव दिया गया है और विचार भी किया जा रहा है. हालांकि अब इन तमाम खबरों पर पूर्णविराम लगाते हुए DU ऑफिस की तरफ से कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा, “डीयू में मनुस्मृति और बाबरनामा जैसे किसी भी अध्ययन की कोई योजना नहीं है.
‘मनुस्मृति, बाबरनामा जैसा कोर्स प्रस्तुत करने की कोई मंशा नहीं’
उन्होंने आगे कहा, ”मनुस्मृति या बाबरनामा जैसा कोई भी कोर्स या अध्ययन सामग्री प्रस्तुत करने की हमारी कोई मंशा नहीं है. डीयू प्रशासन के सामने न तो ऐसा कोई विषय विचारणीय है और भविष्य में भी हम ऐसे विषयों को अस्वीकार करते हैं.”
आज के समय में बाबरनामा की कोई प्रासंगिकता नहीं- कुलपति
कुलपति ने यह भी कहा, “बाबरनामा तो वैसे भी एक आताताई की आत्मकथा है. उसके पढ़ाने की न तो कोई जरूरत है और आज के समय में न ही उसकी कोई प्रासंगिकता है. नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के तहत हम भारतीय परम्पराओं के अनुरूप नए-नए कोर्स लाना चाहते हैं और ला भी रहे हैं, जिनसे देश और समाज का भला हो.”
कुलपति ने ये भी कहा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी अपनी अध्ययन सामाग्री इस बात को फोकस रखके डिजाइन कर रहा है कि 2047 तक विकसित राष्ट्र के संकल्प में डीयू का क्या योगदान हो सकता है.
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