cbi court bank scam big decision five accused jailed fine of Rs 93 lakh
CBI Court Decision Bank Scam: चेन्नई की सीबीआई कोर्ट ने बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व प्रबंधक समेत पांच लोगों को दोषी करार देते हुए 5 से 7 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है. साथ ही दोषियों पर कुल 93 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से एक निजी फर्म पर 40 लाख रुपये का जुर्माना शामिल है.
अदालत ने यह सजा भारतीय ओवरसीज बैंक के पूर्व मैनेजर इग्नेशियस दीपम, एमएस मुथु एंटरप्राइजेज के पूर्व प्रमोटर जे. मुथैया, ट्रेडिंग कंपनी के प्रमोटर एम.एन. मुरलीधर समेत 5 लोगों को सजा सुनाई है.
किन लोगों को क्या सजा हुई?
इग्नेशियस दीपम (पूर्व बैंक मैनेजर)– 7 साल की सजा और 2.1 लाख रुपये का जुर्माना
जे. मुथैया और एम.एन. मुरलीधर – 5 साल की सजा और प्रत्येक पर 45,000 रुपये का जुर्माना
प्रियलक्ष्मी (निजी कंपनी की एमडी)– 7 साल की सजा और 50 लाख रुपये का जुर्माना
एम/एस यूनिकस्टेप मरीन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई– 40 लाख रुपये का जुर्माना
धोखाधड़ी की साजिश कैसे रची गई?
सीबीआई ने यह मामला 13 फरवरी 2013 को दर्ज किया था. इस मामले की जांच इंडियन बैंक की कांचीपुरम ब्रांच के एजीएम की शिकायत पर शुरू हुई थी. जांच में पता चला कि 2012 में बैंक के तत्कालीन मैनेजर इग्नेशियस दीपम ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर बैंक को धोखा देने की साजिश रची थी. बैंक मैनेजर ने आरोपी जे. मुथैया और एम.एन. मुरलीधर के कहने पर 19.79 करोड़ रुपये के चार लेटर ऑफ क्रेडिट (LCs) जारी किए, जो एम/एस यूनिकस्टेप मरीन इंडिया प्रा. लि., मुंबई के पक्ष में थे. यह लेटर ऑफ क्रेडिट भारतीय बैंक के तत्कालीन डिप्टी मैनेजर टी. शन्मुगनाथन के फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी बैंक सील का उपयोग कर जारी किए गए थे. इसके अलावा आरोप है कि बैंक मैनेजर इग्नेशियस दीपम ने जे. मुथैया से रिश्वत के रूप में 19 लाख रुपये अपने भारतीय बैंक तांबरम वेस्ट शाखा के खाते में लिए थे. कोर्ट ने ट्रायल के बाद चारों आरोपियों को दोषी ठहराया गया है, उसके बाद उन्हें सजा का ऐलान हुआ है.