Mahashivratri of Shimla is special Shiv Parvati murti installed at home and Bhajan Kirtan all night ann
Mahashivratri 2025: देवभूमि हिमाचल प्रदेश में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है. इसका एक कारण यह भी है कि महादेव का पर्वतों से विशेष नाता है. भगवान शिव स्वयं कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं और हिमालय राज के जमाता यानी दामाद माने जाते हैं.
यही कारण है कि हिमालय की गोद में बसे पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में महाशिवरात्रि को श्रद्धा से मनाया जाता है. जहां हिमाचल प्रदेश की मंडी की शिवरात्रि देश भर में प्रसिद्ध है. वहीं ऊपरी शिमला, किन्नौर और कुल्लू के घर-घर में महाशिवरात्रि एक बड़े उत्सव की तरह मनाई जाती है. ऊपरी शिमला में इसकी तैयारी एक दिन पहले से शुरू हो जाती हैं.
महाशिवरात्रि के पहले दिन विशेष पकवान
26 फरवरी को देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व आस्था और हर्ष के साथ मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, इसी दिन महाशिवरात्रि का योग बन रहा है. पहाड़ों पर भी महाशिवरात्रि का उत्साह देखते ही बन रहा है. हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के ऊपरी इलाके में महाशिवरात्रि के पहले दिन विशेष पकवान बनाने का प्रचलन है. स्थानीय लोग इस दिन रात के भजन में विशेष भोजन बनाते हैं. इसमें खास तौर पर ऊपरी हिमाचल का विशेष व्यंजन सिड्डू बड़े चाव के साथ बनाया जाता है. इसके अलावा वड़ा और पुड़ी बनाने का भी प्रचलन है. पहाड़ी लोग इस अवसर को ‘खाणी-पीणी’ पुकारते हैं.
महाशिवरात्रि के दिन हर घर महादेव
महाशिवरात्रि का पर्व हिमाचल प्रदेश की लोक संस्कृति के साथ गूंथा हुआ है. महाशिवरात्रि के दिन यहां हर घर शिवालय बन जाता है. सुबह से इसकी तैयारी शुरू हो जाती हैं. घरों में मिट्टी के महादेव पार्वती और गणेश स्थापित किए जाते हैं. इसके अलावा ‘पाजा’ या ‘फाजा’ के पत्तों से महादेव के जटाधराय शिव रूप की भी प्रतिष्ठा की जाती है. व्रत करने वाले श्रद्धालु रात्रि में इन्हीं की पूजा के बाद व्रत खोलते हैं. इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के पहाड़ी व्यंजनो से यह अवसर बच्चे-बड़े और बुजुर्गों के लिए सबसे बड़े उत्सवों में से एक है.
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