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2000 devotees left from West Bengal to participate in Maha Kumbh will take holy bath in Sangam ann


Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में आस्था की बाढ़ लगातार बढ़ रही है. हर दिन लाखों श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान कर रहे हैं और अब पश्चिम बंगाल के आसनसोल से 2000 श्रद्धालुओं का एक बड़ा जत्था 40 बसों में सवार होकर प्रयागराज के लिए रवाना हुआ.

जानकारी के अनुसार, ये श्रद्धालु महाशिवरात्रि से पहले संगम की रेती पर राम नाम का जाप करेंगे और अयोध्या के संतों के साथ मंत्रोच्चार के बीच गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पुण्य स्नान करेंगे.

बंगाल के श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह

महाकुंभ को लेकर पश्चिम बंगाल के लोगों में अपार श्रद्धा और उत्साह देखने को मिल रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणियों के बावजूद, वहां के श्रद्धालु इस आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि जब 60 करोड़ से अधिक लोग प्रयागराज में संगम स्नान कर चुके हैं, तो वे भी इस पुण्य कार्य में क्यों पीछे रहें? श्रद्धालु संगम में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष प्रार्थना करेंगे और मां गंगा से अपने पितरों के उद्धार के लिए आशीर्वाद मांगेंगे.

योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की सराहना
बंगाल से आए श्रद्धालुओं के आयोजक मंडल के अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा, “हमने सुना था कि योगी जी ने प्रयागराज को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई है. अब हम इसे अपनी आंखों से देखने आ रहे हैं.” महाकुंभ 2025 का आयोजन ऐतिहासिक बन चुका है, और अब तक 60 करोड़ से अधिक लोग इस धार्मिक आयोजन में भाग ले चुके हैं.

अयोध्या के संतों के साथ विशेष अनुष्ठान
अयोध्या के प्रमुख संत और रघुवंश संकल्प सेवा के अध्यक्ष स्वामी दिलीप दास त्यागी ने बताया कि पश्चिम बंगाल से आने वाले सभी श्रद्धालु शनिवार रात महाकुंभ पहुंचेंगे.वे अयोध्या के संतों के साथ विशेष यज्ञ और हवन करेंगे. इस अनुष्ठान में देशभर से आए साधु-संतों का भी सहयोग रहेगा.

महाकुंभ से गहराता सांस्कृतिक जुड़ाव
पश्चिम बंगाल में गंगा सागर मेले की एक बड़ी परंपरा रही है, जहां लाखों लोग हर साल गंगा स्नान के लिए जाते हैं. अब इसी आस्था का जुड़ाव महाकुंभ से भी देखने को मिल रहा है. श्रद्धालुओं का मानना है कि गंगा में स्नान से आत्मा शुद्ध होती है और पुण्य की प्राप्ति होती है.

महाशिवरात्रि पर आस्था का चरम
बता दें कि आने वाले दिनों में और भी लाखों श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है. महाकुंभ का अंतिम प्रमुख स्नान महाशिवरात्रि को होगा, जब आस्था की यह लहर अपने चरम पर पहुंचेगी. इस दिन देश-विदेश से आए संतों और श्रद्धालुओं का एक विशाल महासंगम देखने को मिलेगा.

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