New Delhi Railway Station Stampede victim stories punam devi manoj
New Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार (15 फरवरी) रात हुई भगदड़ के बाद से लगातार पीड़ितों की कहानियां सामने आ रही हैं. इसी तरह की एक कहानी पूनम देवी की सामने आई है. बिहार की रहने वाली पूनम देवी कभी घर से बाहर नहीं जाती थीं लेकिन इस बार बड़े सालों बाद उन्होंने दिल्ली में अपनी बेटी से मिलने और महाकुंभ में जाने का फैसला किया लेकिन यह उनकी आखिरी यात्रा होगी, इसका अंदाजा न तो उन्हें था और न ही उनके परिवार को.
भीषण भीड़ में फंसकर जान गंवाने वाली 50 वर्षीय पूनम देवी अपनी बेटी से मिलने दिल्ली आई थीं. उनकी रिश्तेदार आशा सिंह बताती हैं कि वह (पूनम) और उनके पति मेघनाथ कुशवाहा बिहार से अपनी बेटी और दामाद से मिलने दिल्ली आने से पहले महाकुंभ मेले में गए थे. आशा ने बताया, ‘वह शनिवार को अपने गांव गंगाजल लेकर लौट रही थी, लेकिन दुर्भाग्यवश वह इस घटना का शिकार हो गई.’ उन्होंने बताया कि दोनों पति-पत्नी बहुत कम ही यात्रा पर जाते थे.
एक कहानी ये भी..
प्रभु शाह ने इस भगदड़ में अपनी 24 वर्षीय बेटी को खो दिया. वह बताते हैं, ‘छह महीने पहले ही उसे दिल्ली में पहली नौकरी मिली थी. मेरी पांच बेटियों में वह सबसे छोटी थी. उसके भविष्य को लेकर बड़े सपने थे. शनिवार को वह अपनी मौसी और अपने चचेरे भाई के साथ कुंभ मेले में जा रही थी.’ इसके आगे वह अपनी बात नहीं रख सके.
‘पत्नी और दो बच्चे बेसहारा’
मनोज अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था. दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पेट पालता था. भगदड़ में उसकी भी मौत हो गई. अब पत्नी और दो बच्चे बेसहारा रह गए. मनोज के रिश्तेदार जय प्रकाश कुशवाह ने बताया, ‘हमें अस्पताल से फोन आया और बताया गया कि मनोज भगदड़ में घायल हो गया है. जब मैं अस्पताल पहुंचा तो पाया कि वह बेजान पड़ा था. उसकी मौत हो चुकी थी.’
18 लोगों की मौत
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात को भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह घटना तब हुई जब कुछ यात्री फुटओवर ब्रिज से नीचे उतरते समय फिसलकर दूसरों पर गिर गए. महाकुंभ के कारण स्टेशन पर इतनी भीड़ थी. कुंभ स्पेशल ट्रेन लेट होने और प्लेटफॉर्म बदलने के अनाउंसमेंट के कारण स्टेशन पर अफरा-तफरी मची थी.
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