Gyanvapi Masjid Case Controversial Speech During Friday Prayer In Varanasi Amid ASI Survey ANN
UP News: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में आज जुमे की नमाज (Friday Prayer) के दौरान विवादित तकरीर का मामला सामने आया है. आरोप शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी पर लगा है. मौलाना नोमानी ने 20 मिनट तकरीर में केंद्र और यूपी की सरकारों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मुल्क में इन दिनों जालिम हुकूमतें काम कर रही हैं. पिछले 9 सालों से एक खास तबके को टारगेट किया जा रहा है. मस्जिद और दूसरी इबादतगाहें निशाने पर हैं. अदालतें भी हमें सुने बिना मनमाने तरीके से जल्दबाजी में फैसले सुना रही हैं. बहुत सारे मामले बरसों से लटके हुए हैं लेकिन मुसलमानों की इबादतगाहों पर 2 दिन में फैसले सुना दिए जाते हैं.
जुमे की नमाज के दौरान की गई विवादित तकरीर
आज हालात को देखकर लगता है कि हम हर साल स्वतंत्रता दिवस तो मना रहे हैं, झंडा फहरा रहे हैं लेकिन अभी तक हम आजाद नहीं हुए हैं. महज़ सियासी फायदा हासिल करने के लिए एजेंडा बनाकर मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है. मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने ज्ञानवापी मस्जिद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को भी आड़े हाथों लिया.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गलत बयानी की है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद की हकीकत देखे बिना मुख्यमंत्री ने सिर्फ खुश करने के लिए बयानबाजी की. इस तरह की बयानबाजी से अदालतों की सुनवाई पर भी पड़ा असर पड़ता है. अदालत में लंबित मामले पर योगी आदित्यनाथ को विवादित बयान कतई नहीं देना चाहिए था. मौलाना ने आरोप लगाया कि पूरे देश में मुसलमानों के खिलाफ ताकत का इस्तेमाल किया जा रहा है.
ताकत के जरिए बाबरी मस्जिद पर कब्जा कर मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी को भी दूसरी बाबरी मस्जिद बनाने की कोशिश की जा रही है. मौजूदा हुकूमत की ज्यादती के खिलाफ मुसलमानों को गंभीर होना होगा. मुल्क के लिए मुसलमानों ने आगे रहकर लड़ाई लड़ी. अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई मुसलमानों ने की थी. शहर मुफ्ती ने कहा कि मौजूदा हुकूमत के लोग अंग्रेजों से मिले हुए थे और उनके लिए ही काम करते थे. देश की आजादी की लड़ाई में उनका कोई योगदान नहीं था बल्कि उन्होंने इस लड़ाई को और मुश्किल बना दिया था.
बाबरी मस्जिद की तरह ज्ञानवापी को भले ही ताकत के बल पर जबरन हासिल कर लें लेकिन इंशाल्लाह बाबरी मस्जिद थी और आगे भी रहेगी. ज्ञानवापी भी मस्जिद है और आगे भी रहेगी. उन्होंने मुसलमानों से हालात को समझने के लिए सूझ-बूझ से काम लेने की जरूरत बताई. मुसलमान अगर ईमान को पुख्ता कर लें और इबादत में लग जाएं तो खुदा एक दिन कोई ऐसा रास्ता निकालेगा कि सब कुछ पहले की तरह ठीक हो जाएगा.
‘जालिम हुकूमत से निजात पाने के लिए सोचना होगा’
जालिम हुकूमत से निजात पाने के बारे में मुसलमानों को सोचना होगा. पिछले 9 वर्षों में मुल्क के हालात एकदम बदल गए हैं. उन्होंने कहा कि 1991 के प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट को मजाक बनाकर रख दिया गया है. खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. अब सिर्फ ताकत का इस्तेमाल कर हमें दबाया और सताया जा रहा है. पहले की हुकूमतें इस तरह के भेदभाव कतई नहीं करती थीं. मुल्क में आजादी से पहले जैसे हालात हो गए हैं.
शहर मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने तकरीबन 1000 नमाजियों के बीच माइक पर तकरीर की. मौलाना की तकरीर लाउडस्पीकर पर भी प्रसारित हो रही थी. तकरीर के वक्त दर्जनों की संख्या में पैरामिलेट्री फोर्स और पुलिस के जवान मस्जिद परिसर में ही मौजूद थे. खुतबे के बाद ज्ञानवापी मस्जिद को बचाने की विशेष दुआ का आयोजन भी किया गया. जुमे की नमाज से पहले मस्जिदों में खुतबा यानी तकरीर होती है.
एएसआई सर्वे के बीच विशेष दुआ का हुआ आयोजन
खुतबे में मस्जिद आए नमाजियों और दूसरे लोगों के लिए संदेश जारी किए जाते हैं. एएसआई सर्वे के बीच ज्ञानवापी परिसर में आज जुमे की नमाज हुई. मस्जिद में तकरीबन एक हजार लोग नमाज़ पढ़ने के लिए पहुंचे थे. शहर मुफ्ती ने नमाजियों को सामूहिक तौर पर विशेष दुआ कराई. मुसलमानों को संदेश दिया गया कि जालिम हुकूमत के आगे दुआ काम आएगी. एबीपी न्यूज संवाददाता मोहम्मद मोईन भी जुमे की नमाज पढ़ने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद में गए हुए थे.