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New Delhi Railway Station stampede after announcement to change of platform said porter ANN


New Delhi Railway Station Stamped: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ गई. हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 44 साल से कुली का काम करने वाले सुगन लाल मीणा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत की. उन्होंने घटना के वक्त आखों देखा हाल बताया.

मीणा ने कहा, “मैं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सन 1981 से कुली का काम कर रहा हूं. 44 साल में ऐसी भीड़ कभी नहीं देखी थी.” उन्होंने बताया कि शनिवार रात 9:30 से 10 बजे के बीच अचानक अफरा-तफरी मची. प्रयागराज महाकुंभ जाने वाली स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म में बदलाव का ऐलान हुआ. महाकुंभ स्पेशल ट्रेन 12 के बजाय अब प्लेटफार्म नंबर 16 पर आने वाली थी. ऐलान सुनने के बाद स्टेशन पर मौजूद यात्रियों में अफरा तफरी मच गयी. पहले से प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर खड़े यात्री 16 की ओर भागने लगे. लोगों की भीड़ बाहर से भी आ रही थी.

‘ट्रेन पकड़ने की आपाधापी थी’

सुगन लाल मीणा ने बताया, “ट्रेन पकड़ने की आपाधापी में यात्री एस्केलेटर और सीढ़ियों से गिर पड़े. भीड़ के सैलाब में गिरा यात्री दोबारा खड़ा नहीं हो पाया.” उन्होंने बताया कि भगदड़ मचने पर कुलियों ने भी लोगों की मदद की. सबसे पहले चेन बनाकर रास्ता रोका गया, ताकि लोग आगे ना बढ़ सकें और रास्ता ब्लॉक हो जाए. मीणा ने बताया कि हादसे के बाद उन्होंने खाना तक नहीं खाया. हादसे के वक्त एक अन्य कुली बलराम भी मौके पर मौजूद थे.

कुली ने बताया आखों देखा हाल

उन्होंने बताया, “मैं नाइट ड्यूटी पर आया था. हादसा रात को 9:00 से 9:30 के बीच हुआ. महाकुंभ जाने वाले यात्रियों की भीड़ अचानक बढ़ गई.” उन्होंने बताया कि भगदड़ के दौरान कुली भी लोगों की मदद को आगे आए. बलराम को कुली का काम करते हुए 15 साल हो गए हैं. उन्होंने भी कहा कि आज तक ऐसी भीड़ नहीं देखी. लोग एक दूसरे पर पैर रखकर चढ़े जा रहे थे. बचाओ बचाओ की आवाज भी आ रही थी. भीड़ की चपेट में आए शख्स को दोबारा खड़ा होने का अवसर नहीं मिला. 

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