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Lok Sabha Speaker constitutes Select Committee to examine New Income Tax Bill Baijayant Panda Became chairman ANN


New Income Tax Bill: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नए आयकर विधेयक, 2025 की जांच के लिए शुक्रवार (14 फरवरी) को एक प्रवर समिति का गठन किया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और ओडिशा के केंद्रपाड़ा से सांसद बैजयंत पांडा को 31 सदस्यीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

समिति में शामिल नामों में झारखंड से भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे, कर्नाटक से भाजपा सांसद जगदीश शेट्टार, राजस्थान से भाजपा सांसद पीपी चौधरी, कांग्रेस हरियाणा से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पश्चिम बंगाल से टीएमसी महुआ मोइत्रा, एनसीपी (सपा) महाराष्ट्र से सांसद सुप्रिया सुले शामिल हैं.

प्रवर समिति के सदस्य

इस समिति में 31 लोकसभा सदस्य शामिल हैं.

  1. श्री बैजयंत पांडा (अध्यक्ष)
  2. डॉ. निशिकांत दुबे
  3. श्री जगदीश शेट्टर
  4. श्री सुधीर गुप्ता
  5. श्री अनिल बलूनी
  6. श्री राजू बिस्ता
  7. श्री एटाला राजेंदर
  8. श्री विष्णु दयाल राम
  9. श्री मुकेशकुमार चन्द्रकान्त दलाल
  10. श्री पी पी चौधरी
  11. श्री शशांक मणि
  12. श्री भर्तृहरि महताब
  13. श्री नवीन जिन्दल
  14. श्री अनुराग शर्मा
  15. श्री दीपेन्द्र सिंह हुड्डा
  16. श्री बेनी बेहनन
  17. श्री विजयकुमार (विजय वसंत)
  18. डॉ. अमर सिंह
  19. एडवोकेट गोवाल कागडा पदवी
  20. मोहम्मद रकीबुल हुसैन
  21. श्री लालजी वर्मा
  22. अधिवक्ता प्रिया सरोज
  23. सुश्री महुआ मोइत्रा
  24. डॉ. कलानिधि वीरस्वामी
  25. श्री दग्गुमल्ला प्रसाद राव
  26. श्री कौशलेन्द्र कुमार
  27. श्री अरविन्द गणपत सावंत
  28. श्रीमती सुप्रिया सुले
  29. श्री रवीन्द्र दत्तराम वायकर
  30. श्री एन के प्रेमचंद्रन
  31. श्री रिचर्ड वानलालहमंगइहा

दरअसल, वित्त मंत्री सीतारमण ने गुरुवार (13 फरवरी) को संसद में विधेयक पेश करते हुए स्पीकर बिरला से मसौदा कानून को एक चयन समिति को भेजने का आग्रह किया था, जो अगले सत्र के पहले दिन अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. उन्होंने स्पीकर से प्रस्तावित पैनल के लिए स्ट्रक्चर और नियमों पर निर्णय लेने का भी अनुरोध किया था.

कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधेयक संसद में पेश
नए बिल में छोटे वाक्य,प्रावधान और स्पष्टीकरण होंगे,सरकार ने कहा कि यह मौजूदा आयकर अधिनियम से 50% छोटा होगा. इसका मुख्य उद्देश्य मुकदमेबाजी को कम करना है. विधेयक कुछ अपराधों के लिए कम दंड भी पेश कर सकता है, जिसका उद्देश्य टैक्स सिस्टम को ज्यादा टैक्सपेयर-अनुकूल बनाना है.

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