JPC report on Waqf bill Asaduddin Owaisi reaction Om Birla instructions for including most of Dissent Note
JPC Report on Waqf: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार (13 फरवरी 2025) को विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच लोकसभा के पटल पर रखी गई. राज्यसभा में इस बिल का काफी विरोध हुआ. विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस रिपोर्ट में उनकी असहमति को जानबूझकर हटा दिया गया है, जिससे ये पूरी तरह असंवैधानिक हो गई है. एआईएमएआईएम चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने विपक्ष के कई सांसदों के साथ स्पीकर से मुलाकात की, जिसके बाद स्पीकर ने डिसेंट नोट के ज्यादातर हिस्से को शामिल करने के निर्देश दिए हैं.
विपक्षी सांसदों के साथ स्पीकर से मिले ओवैसी
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हम कल्याण बनर्जी, इमरान मसूद, डां. जावेद, गौरव गोगोई के साथ लोकसभा स्पीकर से मिले. हमने स्पीकर को बताया कि हमारे डिसेंट नोट में कई पेजेस और पैराग्राफ को रिडक कर दिया गया है तो उन्होंने फौरन एसजी को बुलाया और कहा कि इनके साथ आप लोग बैठिए और देख लीजिए जो रूल्स परमिट करता है, उसे शामिल रिपोर्ट में शामिल करिए और जो रूल के बाहर है उसे नहीं शामिल कीजिए. इसके बाद लाइब्रेरी में हम सभी सांसद बैठे. हमने बताया कि जो रूल्स के खिलाफ नहीं है, उसको शामिल करना चाहिए. तकरीबन जो पेजेस या लाइन रिपोर्ट में शामिल नहीं थे वो शामिल कर दिए गए हैं.”
समिति की रिपोर्ट स्पीकर को सौंपी गई
संसद के वर्तमान बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी कामकाजी दिन है. समिति की रिपोर्ट 30 जनवरी 2025 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सौंपी गई थी. विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है.
विपक्ष का आरोपों पर सरकार का जवाब
विपक्ष का आरोपों पर सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि रिपोर्ट में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है और सभी सदस्यों के विचार को इसमें रखा गया है. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जेपीसी रिपोर्ट में से न तो कोई अंश हटाया गया है, न ही इसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की गई है.
यह भी पढ़ें- NDA या इंडिया अलायंस, आज चुनाव हुए तो किस मिलेंगे सबसे ज्यादा वोट, सर्वे में पता चल गया