bangladesh hc asks government why should chinmoy krishna das not be granted bail | बांग्लादेश हाई कोर्ट ने यूनुस सरकार से पूछा
Bangladesh HC On Chinmoy Krishna Das: बांग्लादेश हाई कोर्ट ने इस्कॉन और सनातनी जागरण जोत से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि उन्हें ज़मानत क्यों न दी जाए. कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है.
जस्टिस अताउर रहमान और जस्टिस मोहम्मद अली रज़ा की बेंच ने मंगलवार (04 फरवरी) को इस मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. यह मामला उस समय सुर्खियों में आया था जब चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ बांग्लादेश में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने और देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.
क्या है मामला?
चिन्मय कृष्ण दास चटगांव में श्री श्री पुंडरीक धाम का प्रबंधन करते थे,दास को संगठनात्मक अनुशासन का उल्लंघन करने के कारण इस्कॉन से हटा दिया गया था. चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ राष्ट्रीय झंडे के अपमान के आरोप में 31 अक्टूबर 2023 को देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. वहीं, 25 नवंबर 2023 को उन्हें ढाका से गिरफ़्तार किया गया. 26 नवंबर 2023 को जब उन्हें चटगांव अदालत ले जाया गया, तो जमानत नामंज़ूर होने के बाद पुलिस और उनके समर्थकों के बीच झड़प हुई, जिसमें एक वकील की मौत हो गई.
भारत और बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी पर गहरी चिंता जताई थी. बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी उठी. इससे पहले कई बार उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है.अब बांग्लादेश सरकार को दो सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करना होगा, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी.
18 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया था मामला
बता दें कि मामला तब सुर्खियों में आया था जब चटगांव में आयोजित एक रैली में राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने की तस्वीरें वायरल हुईं. इस घटना के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक और सामाजिक आलोचना बढ़ गई. इसे देशद्रोही हरकत बता कर चिन्मय कृष्ण दास समेत 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.