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cbi arrested wildlife smuggler in haryana pinjor


केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की वन्यजीव अपराध शाखा ने सोमवार (3 फरवरी, 2025) को विशेष अभियान के तहत 4 शिकारियों को गिरफ्तार किया है. टीम ने तेंदुए समेत कई वन्यजीवों की खालें और अंग भी बरामद किए. सीबीआई को गुप्त सूचना मिली थी, कि कुछ लोग वन्यजीवों का अवैध शिकार और तस्करी कर रहे हैं. इस सूचना के आधार पर सीबीआई की वन्यजीव अपराध शाखा (Wildlife Crime Unit) और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) की टीम ने हरियाणा के पिंजौर में एक वाहन को रोका. टीम ने जब वाहन की तलाशी ली, तो वाहन से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित वन्यजीव सामग्री बरामद हुई.

तलाशी में क्या-क्या मिला?

तलाशी में टीम को 2 तेंदुए की खाल, 9 तेंदुए के दांत, 25 तेंदुए के नाखून, 3 तेंदुए के जबड़े के टुकड़े और ऊदबिलाव (ओटर) की 3 खाल मिली. इसके अलावा पैंगोलिन के कई शल्क भी बरामद हुए.

चार आरोपी गिरफ्तार, एक नेपाल पुलिस का पुराना अपराधी

टीम ने मौके से तीन आरोपियों पीरदास, वजीरा और रामदयाल को गिरफ्तार किया. चौथे आरोपी रोहतास को कालका रेलवे स्टेशन से पकड़ा. जांच में पता चला कि इनमें से एक आरोपी पहले भी नेपाल पुलिस द्वारा वन्यजीव अपराध के मामले में चार्जशीट हो चुका है. सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 61 (2) और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 40, 49, 49 B और 51 के तहत मामला दर्ज किया है. बता दें कि इस कानून के तहत तेंदुआ और अन्य वन्यजीव संरक्षित श्रेणी (Schedule-I) में आते हैं. इनका शिकार करना या तस्करी करना गंभीर अपराध है, जिसमें कठोर सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है.

भारत में वन्यजीव तस्करी एक गंभीर समस्या

भारत में वन्यजीव तस्करी एक बड़ा संगठित अपराध बन चुका है. बता दें कि तस्कर तेंदुए, हाथी, गैंडे, पैंगोलिन और अन्य दुर्लभ जीवों का शिकार कर उनकी खाल, हड्डियां, दांत और नाखून अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचते हैं. इनकी मांग मुख्य रूप से चीन, वियतनाम और नेपाल में पारंपरिक दवाओं और गहनों के लिए होती है.

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में हर साल 400 से ज्यादा तेंदुओं का अवैध शिकार होता है. पैंगोलिन दुनिया का सबसे ज्यादा तस्करी किया जाने वाला जीव है, जिसे इसके शल्कों की वजह से मारा जाता है. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के बावजूद, अवैध शिकार और तस्करी का कारोबार लगातार बढ़ रहा है.

 



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