महाकुंभ में भगदड़ पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट की NO, कहा- घटना टेंशन में डालने वाली, लेकिन…
Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि घटना टेंशन में डालने वाली है, लेकिन इस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. राज्य सरकार ने भी न्यायिक जांच आयोग बनाया है. यहां सुनवाई की ज़रूरत नहीं है.
याचिकाकर्ता की मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट यूपी सरकार से घटना पर स्टेटस रिपोर्ट मांगे. सभी राज्य सरकारों से कहा जाए कि वह अपने राज्य के लोगों के लिए कुंभ क्षेत्र में सुविधा केंद्र बनाएं. कुंभ क्षेत्र में सभी भाषाओं में पब्लिक डिस्प्ले बनाने और मेडिकल सुविधा के विस्तार की भी मांग इस याचिका में की गई थी.
CJI और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने खारिज की अपील
मामला चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच में सुनवाई के लिए लगा था. उत्तर प्रदेश सरकार के लिए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कोर्ट में मौजूद थे. रोहतगी ने जजों को बताया कि मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाया गया है. हाई कोर्ट में भी कुछ याचिकाएं दाखिल हुई हैं.
जजों ने थोड़ी देर आपस में चर्चा की. इसके बाद कहा- “घटना दुर्भाग्यपूर्ण और चिंतनीय है, लेकिन हाई कोर्ट इस पर सुनवाई कर रहा है. राज्य सरकार ने भी न्यायिक जांच आयोग बनाया है. यहां सुनवाई की ज़रूरत नहीं है.”
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर अमृत स्नान से पहले संगम नोज पर भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
याचिका में केंद्र-राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग
इसमें केंद्र और राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से काम करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था ताकि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जा सके. याचिका में ये भी कहा गया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत यह याचिका दायर की गई है जिसमें महाकुंभ में भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकारों को दिशानिर्देश देने का अनुरोध किया गया.