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Dulari Devi thanks FM Nirmala Sitharaman wearing Madhubani painting saree Presenting Union Budget 2025 ann


Nirmala Sitharaman Mithila Saree : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनकर बजट पेश किया. वित्त मंत्री को मधुबनी दौरे के समय पद्मश्री दुलारी देवी उन्हें वो साड़ी गिफ्ट की थी. मिथिला परंपरा के अनुसार निर्मला सीतारमण को बेटी मानकर खोइछा दिया गया था. वित्त मंत्री द्वारा मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनने पर मधुबनी पेंटिंग कलाकारों ने खुशी जताई है.  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 29 नवंबर 2024 को मधुबनी जिले के सौराठ में मिथिला चित्रकला संस्थान पहुंची थी. इस दौरान 2021 में पदमश्री से सम्मानित बिहार के मधुबनी के रांटी गांव निवासी दुलारी देवी ने उन्हें मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी भेंट की थी. बजट सत्र के दौरान निर्मला सीतारमण द्वारा साड़ी पहनने पर दुलारी देवी की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनने से यहां के कलाकारों सहित मिथिलांचल में हर्ष है.  

दुलारी देवी ने किया वित्त मंत्री का धन्यवाद 
दुलारी देवी ने बताया कि ये साड़ी बनाने में करीब एक माह समय लगा था. जिस पर मिथिलांचल की पहचान मछली सहित अन्य आकृति बनाई गई है. इस साड़ी में वित्त मंत्री को बजट पेश करते देख उन्हें बहुत खुशी हुई. उन्होंने कहा कि उनको लगा कि मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों को इसके द्वारा सम्मान दिया गया है. उन्होंने कहा कि ये कलाकारों के सम्मान का उचित इनाम है. इससे कलाकारों के मनोबल को बढ़ावा मिलेगा. दुलारी देवी ने वित्त मंत्री को पूरे मिथिला, बिहार और देश की तरफ से धन्यवाद दिया.

कई महिलाओं को मिल चुका सम्मान
बता दें कि सरकार की तरफ से मधुबनी जिले के रांटी और जितवारपुर गांव को शिल्प गांव की मान्यता दी गई है. इस गांव का विकास मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों की उत्कृष्ट पेंटिंग को प्रोत्साहित करने और कलाकारों को आगे बढ़ाने के किया जाता रहा है. भारत सरकार के द्वारा यहां के कलाकारों को भी प्रोत्साहित किया जाता रहा है. यहां के कलाकारों को राज्य पुरस्कार, राष्ट्रीय पुरस्कार, पद्मश्री व अन्य सम्मान मिल चुके हैं. जितवारपुर की सीता देवी, जगदंबा देवी, रांटी की महासुन्दरी देवी, गोदावरी दत्ता, बउआ देवी और दुलारी देवी सहित कई कलाकारों को मधुबनी पेंटिंग की कला के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया है.

सैकड़ों साल पहले हुई मिथिला पेंटिंग की शुरुआत
विश्वभर में मिलने वाली मिथिला पेंटिंग की कलाकृतियां मधुबनी जिले में ही मुख्य रूप से बनाई जाती है. इसकी शुरुआत सैकड़ो वर्ष पूर्व मधुबनी जिले में कलाकारों ने की थी. जिसके बाद लगातार इसकी मांग बढ़ने लगी. इसके बाद यहां के कलाकारों ने इसे व्यवसाय के रूप में विकसित कर लिया. इस क्षेत्र में हजारों की संख्या में मधुबनी पेंटिंग के कलाकार है जो विभिन्न क्षेत्रों में पेंटिंग बनाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. वित्त मंत्री द्वारा मधुबनी पेंटिंग की साड़ी पहनकर बजट पेश करने पर मधुबनी पेंटिंग कलाकारों, मिथिलांचल सहित मिथिला चित्रकला संस्थान में खुशी की लहर है.

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