CBI Arrested 10 members of National Assessment and Accreditation Council for bribery in NAAC Rating ann
CBI Actioin In NAAC Rating Scam: सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार को एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए आंध्र प्रदेश के गुंटूर स्थित वड्डेसवरम में एक शैक्षणिक संस्था के पदाधिकारियों और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) निरीक्षण समिति के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया. आरोप है कि रिश्वत के बदले कॉलेज को मनचाही A++ NAAC रेटिंग दी गई.
CBI ने वड्डेसवरम, गुंटूर (आंध्र प्रदेश) की एक शैक्षणिक संस्था और NAAC निरीक्षण समिति के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आरोप है कि शैक्षणिक संस्था के पदाधिकारियों ने NAAC निरीक्षण समिति को रिश्वत दी ताकि उनकी यूनिवर्सिटी को बेहतर रेटिंग मिल सके. इस मामले में कई नामचीन शिक्षाविदों और प्रशासकों की संधि उजागर हुई है.
CBI की छापेमारी और जब्ती
CBI ने 20 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें चेन्नई, बेंगलुरु, विजयवाड़ा, पलामू, संबलपुर, भोपाल, बिलासपुर, गौतम बुद्ध नगर और दिल्ली शामिल हैं. CBI ने छापेमारी में ₹37 लाख नकद, 6 लेनोवो लैपटॉप, iPhone 16 Pro, सोने का सिक्का और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किया गया है.
गिरफ्तार किए गए 10 आरोपी
जी.पी. सारधी वर्मा वाइस चांसलर, केएल एजुकेशन फाउंडेशन (KLEF), गुंटूर
कोनेरु राजा हरीन वाइस प्रेसिडेंट, KLEF
ए. रामकृष्णा डायरेक्टर, केएल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
समरेन्द्र नाथ साहा वाइस चांसलर, रामचंद्र चंद्रवंशी यूनिवर्सिटी & NAAC निरीक्षण समिति चेयरमैन
राजीव सिजारिया प्रोफेसर, JNU, दिल्ली & NAAC निरीक्षण समिति मेंबर को-ऑर्डिनेटर
डी. गोपाल डीन, भारत इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ & NAAC निरीक्षण समिति सदस्य
राजेश सिंह पवार डीन, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, भोपाल & NAAC निरीक्षण समिति सदस्य
मानस कुमार मिश्रा डायरेक्टर, GL बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी & NAAC निरीक्षण समिति सदस्य
गायत्री देवराजा प्रोफेसर, दावणगेरे यूनिवर्सिटी & NAAC निरीक्षण समिति सदस्य
बुलू महाराणा प्रोफेसर, संबलपुर यूनिवर्सिटी & NAAC निरीक्षण समिति सदस्य
FIR में नामजद आरोपी
CBI ने KLEF प्रेसिडेंट कोनेरु सत्यनारायण, कई प्रोफेसरों और NAAC के पूर्व सलाहकारों समेत 14 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. CBI जांच में सामने आया कि रिश्वत देकर कॉलेजों को A++ ग्रेड दिलवाया जा रहा था, जिससे पूरे शिक्षा सिस्टम की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं. CBI इस घोटाले में आगे की जांच कर रही है और अन्य संबंधित लोगों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है.