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Donald Trump BRICS countries Trade Tariff Congress Leader Shashi Tharoor Says no Plan of Alternative Currency US Dollar


Donald Trump BRICS countries Trade Tariff: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ब्रिक्स देशों के खिलाफ टैरिफ लगाए जाने की धमकी पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे सच्चाई से परे हैं और ब्रिक्स देशों की अमेरिकी डॉलर से इतर किसी दूसरे मुद्रा में व्यापार करने की कोई योजना नहीं है.  कांग्रेस नेता ने कहा कि ब्रिक्स के पास डॉलर के विकल्प के तौर पर कोई वैकल्पिक मुद्रा लाने का कोई गंभीर प्रस्ताव नहीं है तथा उन्होंने डॉलर को विश्व के ज्यादातर देशों के लिए व्यावहारिक सुविधा बताया है. 

ट्रंप की ओर से ब्रिक्स देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी पर शशि थरूर ने कहा, “मैंने राष्ट्रपति ट्रंप की यह टिप्पणी सुनी हैं, लेकिन, तथ्य यह है कि ब्रिक्स के लिए डॉलर के लिए वैकल्पिक मुद्रा के साथ आने का कोई गंभीर प्रस्ताव नहीं है. डॉलर दुनिया के अधिकांश देशों के लिए एक व्यावहारिक सुविधा है. इस पर भले ही कुछ चर्चा हुई हो और हमारे पास निश्चित तौर से अतीत में रूस के साथ रुपया-रूबल व्यापार, ईरान के साथ रुपया-रियाल व्यापार और इसी तरह के कुछ उदाहरण हैं. इसलिए एक वैकल्पिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा को लेकर कहा जा सकता है यह असंभव नहीं है. इसके बावजूद भी मुझे नहीं लगता कि ऐसा करने के लिए कोई खास योजना बनाई गई है. और इसलिए, राष्ट्रपति की धमकियां थोड़ी खोखली लगती हैं क्योंकि यह तभी संभव है जब कोई वास्तविक प्रस्ताव सामने आए और भारत जैसे देश इसे गंभीरता से आगे बढ़ाएं. मुझे ऐसे प्रस्ताव के लिए भारतीय सरकार में कोई समर्थन नहीं दिखता. इसलिए, जब तक ऐसा नहीं होता, हमें चिंता क्यों करनी चाहिए.”

ट्रंप ने क्या कहा था?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लंबे वक्त से कह रहे हैं कि ब्रिक्स देश आपस में मिलकर एक ऐसी मुद्रा विकसित कर रहे हैं जो अमेरिकी डॉलर की जगह ले सके. ट्रंप ने गुरुवार (30 जनवरी 2025) को एक बार फिर इसी बात को दोहराते हुए एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “यह सोच कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हम खड़े देखते रहेंगे, अब खत्म हो चुका है. हमें इन विरोधी सोच रखने वाले देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, वरना उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, और उन्हें शानदार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बेचने (निर्यात) को अलविदा कहने की उम्मीद करनी चाहिए. वे किसी अन्य देश की तलाश कर सकते हैं. यह संभव नहीं है कि ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में या कहीं और अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे टैरिफ को हेलो कहना चाहिए और अमेरिका को अलविदा कहना चाहिए!” 

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