Haryana issued to remove chura bhangi and mochi from schedule caste list in 2013
Haryana News: हरियाणा सरकार ने तीन नामों को आपत्तिजनक और अप्रासंगिक बताकर अनुसूचित जाति की लिस्ट से हटाने का प्रस्ताव लाया था. यह एक अवैध निर्णय है जो कि एक दशक पहले लिया गया था. 2013 में तत्कालीन राज्य सरकार ने एक प्रशासनिक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि चूड़ा, भंगी और मोची जाति को भविष्य में वाल्मिकी और चमार के रूप में सर्टिफिकेट दिया जाएगा. क्योंकि हरियाणा ने अनुसूचित जाति की लिस्ट से ऊपर दिए गए तीन नाम हटाने का फैसला किया है.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा ने 2013 में अपने फील्ड ऑफिसर और संस्थानों को इन समुदायों के लोगों को सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश दिया था. जो जानकारी अब प्रकाश में आई है. ऐसा कहा जा रहा है कि 2013 का आदेश असंवैधानिक था क्योंकि राज्य के पास एससी की लिस्ट से छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है और ना ही वह किसी नाम पर फैसला कर सकता है.
कौन लेता है अनुसूचित जातियों की लिस्ट में बदलाव का फैसला?
अनुच्छेद 341 अनुसूचित जाति में बदलाव का अधिकारी केंद्र और संसद के पास है जो कि विधेयक में संशोधन के बाद फैसला ले सकता है. ऐसे किसी मसले पर फैसला विचार-विमर्श की प्रक्रिया से होकर गुजरता है.
हरियाणा के लिए बढ़ सकती है मुश्किल
केंद्र सरकार को हरियाणा सरकार के फैसले के बारे में 12 साल बाद जानकारी मिली है. साथ ही ऐसी स्पष्टता नहीं मिल पाई है कि 2013 के निर्देशों के अनुसार तीन समुदायों को वाल्मिकी और चमार जाति का सर्टिफिकेट दिया जा रहा है य़ा नहीं. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इस पर हरियाणा से और जानकारी मांगेंगी.
अगर साल 2013 के निर्देश को लागू किया गया है या फिर तीन जातियों को उनके नाम के अनुरूप सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है. इस तरह का निर्णय कभी दिल्ली में लिया गया था लेकिन केंद्र सरकार ने इसे बदलने के लिए कहा था.
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