Delhi Election 2025 AAP Chief Arvind Kejriwal sent reply to Election Commission on Yamuna water Controversy ANN
Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने यमुना के पानी के मु्द्दे पर चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दे दिया है. अपने जवाब में उन्होंने यमुना के पानी में प्रदूषण के बारे में दिए अपने बयानों को सही ठहराते हुए कई तथ्य भी पेश किए.
उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि यमुना के पानी में 7 पीपीएम अमोनिया है. यह अनुमति सीमा से 700 फीसद ज्यादा है और यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. केजरीवाल ने हरियाणा द्वारा औद्योगिक कचरे का बिना रोक-टोक छोड़े जाने को इसका प्रमुख कारण बताया.
उन्होंने कहा कि इस तरह का जहरीला पानी लगातार छोड़ा गया तो यह दिल्ली के लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरा और मौत का कारण बन सकता है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हर व्यक्ति का स्वच्छ पानी तक पहुंच एक मौलिक मानवाधिकार है और इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाना अपराध नहीं हो सकता.
केजरीवाल ने बताया क्यों हो रही साफ पानी की कमी?
उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा से आने वाले कच्चे पानी में अत्यधिक जहरीलापन होने के कारण दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं. जिसके कारण राजधानी दिल्ली में साफ पानी की कमी हो रही है. केजरीवाल ने उनका बयान दिल्ली में पीने के पानी की खराब गुणवत्ता को लेकर एक तत्काल और गंभीर स्वास्थ्य संकट के संदर्भ में था. जिसे सुधारने के लिए तत्काल सरकारी और संस्थागत दखल की जरूरत थी.
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि यह एक सत्य तथ्य है कि दिल्ली एक निचला राज्य है, जिसे पीने के पानी के लिए ऊपरी राज्य हरियाणा से कच्चा पानी मिलता है. जो बयान दिए गए थे, वे हरियाणा से आने वाले कच्चे पानी में गंभीर जहरीलापन और प्रदूषण को उजागर करने के लिए थे, जो जनता के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर और खतरा है. उन्होंने आगे कहा कि इन तथ्यों और सार्वजनिक मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने और कार्रवाई करने की जरूरत है.
इन तथ्यों ध्यान देने की जरूरत- केजरीवाल
- दिल्ली को हरियाणा से कच्चा पानी मिलता है, जिसे दिल्ली में पीने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
- हाल ही में हरियाणा से मिला कच्चा पानी बहुत ही गंदा और लोगों की सेहत के लिए खतरनाक और जहरीला है.
- कच्चे पानी में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स इसे साफ करके सुरक्षित और मान्य सीमा तक लाने में सक्षम नहीं हैं.
- हरियाणा से आए कच्चे पानी में बहुत ज्यादा जहरीला तत्व होने की वजह से पानी साफ करने वाले प्लांट पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे, जिसके कारण दिल्ली में साफ पानी की कमी हो रही है.
- अगर ऐसा जहरीला पानी लोगों को पीने दिया गया, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं और मौतों का कारण बन सकता है.
- दिल्ली सरकार का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि हरियाणा, जो ऊपरी नदी तटीय राज्य है, दिल्ली को इतना जहरीला पानी उपलब्ध करवा रहा है.
अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा कि उपरोक्त सभी मुद्दे और तथ्य दिल्ली के नागरिकों के सर्वोत्तम हित में हैं और यह दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ द्वारा 27 जनवरी को जारी आधिकारिक पत्र से भी स्पष्ट है. यह भी स्पष्ट है कि इस बयान का उद्देश्य दिल्ली में अत्यधिक जहरीले कच्चे पानी की आपूर्ति के बारे में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दा उठाना था और दिल्ली के नागरिकों के लिए सुरक्षित पानी सुनिश्चित करना था.
‘मेरा बयान राष्ट्रीय एकता के खिलाफ नहीं’
उन्होंने कहा कि यह बयान किसी भी तरह से अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाने या राष्ट्रीय एकता के खिलाफ नहीं कहा जा सकता. इसके विपरीत इन बयानों का असल उद्देश्य केवल जनहित में है, जो एक वैध नागरिक समस्या को उजागर करने के लिए है और जिसके लिए तुरंत सरकारी हस्तक्षेप की जरूरत है.
अरविंद केजरीवाल ने डीजेबी के सीईओ के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ के पत्र में यह स्वीकार किया गया है कि हरियाणा से दिल्ली आने वाले पानी में अमोनिया का स्तर कई गुना बढ़ गया है, जो 6.5 से 7 पीपीएम तक पहुंच चुका है. डीजेबी सीईओ के पत्र में यह भी स्वीकार किया गया है कि वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी से 2 पीपीएम तक अमोनिया को ट्रीट किया जा सकता है. लेकिन दिल्ली में जो पानी आ रहा है, उसमें अमोनिया का स्तर 7 पीपीएम है.
उन्होंने आगे लिखा है कि सीईओ के पत्र में यह भी स्वीकार किया गया है कि हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा ज्यादा है क्योंकि वहां से यमुना नदी में प्रदूषक तत्व छोड़े जा रहे हैं. इससे यह स्पष्ट होता है कि हरियाणा से दिल्ली आने वाला पानी बहुत प्रदूषित और जहरीला है.
डीजेबी के पत्र का दिया हवाला
साथ ही सीईओ के उस पत्र में यह भी स्वीकार किया गया है कि पानी में अमोनिया की इतनी ज्यादा मात्रा होने के कारण वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पानी को साफ नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा है कि डीजेबी के पत्र के अनुसार, इस जल प्रदूषण का मुख्य कारण यमुना नदी में घरेलू और औद्योगिक कचरे को बिना साफ किए छोड़ा जाना है. इस प्रदूषण को रोकने में असफलता के चलते जनस्वास्थ्य का बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
इन प्रदूषक गतिविधियों को तुरंत रोकना बेहद जरूरी है और हरियाणा जैसे ऊपरी इलाकों के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि दिल्ली की पानी की सप्लाई साफ और सुरक्षित हो. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यमुना नदी में अमोनिया के स्तर को लेकर की गई उनकी टिप्पणियों से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं हुआ है.
‘साफ पेयजल किसी भी सभ्य समाज की बुनियादी जरूरत’
उन्होंने लिखा कि इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षित पेयजल किसी भी सभ्य समाज की सबसे बुनियादी और मुख्य जरूरत है और इसके बारे में मुद्दा उठाना अपराध नहीं हो सकता. प्रशासनिक विफलताओं की आलोचना करना, खासकर पर्यावरण और जनस्वास्थ्य से जुड़े खतरों पर अपराध नहीं माना जा सकता. इसे अपराध बताना भारत के लोकतंत्र और राजनीति के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी असर डालेगा.
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा है कि दिल्ली के लोगों के लिए सुरक्षित पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सरकार की विफलताओं को उजागर करना न कानूनी रूप से गलत है और न ही संवैधानिक रूप से. सार्वजनिक जवाबदेही और प्रशासनिक पारदर्शिता लोकतांत्रिक शासन की बुनियाद हैं. अगर पानी जैसी मौलिक जरूरत को लेकर वैध सवाल उठाने को अपराध माना जाता है, तो यह एक खतरनाक मिसाल कायम करेगा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसे गंभीर जन स्वास्थ्य संकट पर चर्चा को दबाने की कोई भी कोशिश न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ होगी, बल्कि यह नागरिकों के राज्य से समाधान की मांग करने के अधिकार का भी उल्लंघन होगा. वैध जन शिकायतों का मनमाना अपराधीकरण न सिर्फ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाएगा, बल्कि यह भारत के कल्याणकारी राज्य के सिद्धांत को भी नकार देगा.
केजरीवाल ने किया ये दावा
अरविंद केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि उनका बयान चुनाव लड़ रहे किसी भी उम्मीदवार के व्यक्तिगत चरित्र या आचरण के खिलाफ न तो कुछ कहता है और न ही उस पर कोई आरोप लगाता है. बल्कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित करता है, जो आधिकारिक प्रशासनिक रिकॉर्ड द्वारा प्रमाणित है.
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के लोगों के उपयोग के लिए पानी की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी उजागर किया है. आखिर में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनके द्वारा किसी भी कानून या संहिता का उल्लंघन नहीं किया गया है और इसलिए इस मुद्दे को बंद कर दिया जाना चाहिए. साथ ही चुनाव आयोग से निवेदन है कि वह सुरक्षित पानी की उपलब्धता के प्रमुख मुद्दे में हस्तक्षेप करें और हरियाणा को उचित निर्देश दें, ताकि दिल्ली के लोगों को सुरक्षित और पर्याप्त मात्रा में पानी मुहैया कराया जा सके.