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Aligarh Stones pelted at police and 11 policemen injured now surveillance being maintained by drones ann


Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के थाना रोरावर इलाके के भीमपुर गांव में बीती रात हिंसा भड़क उठी. ये विवाद अंबेडकर प्रतिमा को हटाने के मुद्दे पर शुरू हुआ,जिसने देखते ही देखते बड़ा रूप ले लिया. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए. उपद्रवियों ने कई वाहनों में आग लगा दी, जिसके चलते इलाके में तनाव का माहौल बन गया. प्रशासन ने स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी है. अब हालात पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन कैमरों का भी सहारा लिया जा रहा है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके.

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विवाद की शुरुआत तब हुई जब ग्राम समाज की जमीन पर अधिकारियों के द्वारा मना करने पर कुछ लोगों ने अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करना शुरू कर दिया. वहीं दूसरे पक्ष के द्वारा ग्राम समाज की जमीन पर मंदिर की दीवार खड़ी करना शुरू कर दिया. प्रशासन ने अंबेडकर की एक प्रतिमा को हटाने की कोशिश की. कुछ लोगों ने इस कार्रवाई का विरोध किया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया. दो जातियों और पुलिस के बीच झड़पें शुरू हो गईं और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा. देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया.

झड़प में पुलिसकर्मी घायल
अलीगढ एसएसपी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, इस हिंसक झड़प में 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए. उपद्रवियों ने न केवल पुलिस पर हमला किया, बल्कि आसपास खड़ी कई मोटरसाइकिलों और अन्य वाहनों में आग भी लगा दी. स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उपद्रवियों को खदेड़ा और पूरे इलाके में पीएसी को तैनात कर दिया गया. वही घटना के बाद से प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है. 

उप जिलाधिकारी दिग्विजय सिंह और क्षेत्राधिकारी सर्जना सिंह के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया है. अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि गांव के प्रत्येक कोने पर कड़ी निगरानी रखी जाए. स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने ड्रोन कैमरों की मदद से इलाके की निगरानी शुरू कर दी है. इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई संदिग्ध गतिविधि हो रही हो, तो उसे तुरंत रोका जा सके.

इलाके में दहशत, लोग सहमे
हिंसा के बाद से इलाके में डर और तनाव का माहौल है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी ऐसा हिंसा भरा माहौल नहीं देखा. कुछ लोग अपने घरों में ही रहने को मजबूर हैं, जबकि कुछ ने गांव से बाहर जाने का फैसला किया है. एक स्थानीय निवासी ने बताया कि हम लोग अमन-चैन से रहना चाहते हैं. यह विवाद हमें नहीं चाहिए था, लेकिन अब यहां डर का माहौल बन गया है. रातभर तरह तरह की आवाजें और शोरगुल सुनाई देता रहा.

प्रशासन ने हिंसा को लेकर पूरी सतर्कता बरती है. पुलिस अधिकारियों ने गांव के घरों की छतों पर रखे ईंट-पत्थरों को हटाने का निर्देश दिया है ताकि किसी भी नई झड़प में इनका इस्तेमाल न किया जा सके. इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. विपक्षी दलों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह घटना सरकार की नाकामी को दर्शाती है.

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सुरक्षा बल पूरी तरह मुस्तैद
एक स्थानीय नेता ने कहा कि अगर प्रशासन ने पहले ही सही कदम उठाए होते तो यह स्थिति नहीं बनती. अब निर्दोष लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं पूरे गांव को छावनी में बदल दिया गया है और किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शन को रोकने के लिए सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं.

ड्रोन की मदद से पुलिस उपद्रवियों पर नजर रख रही है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी अधिकारियों को दी जा रही है. पुलिस लगातार गांव में गश्त कर रही है और लोगों को आश्वस्त कर रही है कि हालात काबू में हैं. अब तक आधा दर्जन से अधिक संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. साथ ही  27 नामजद और 150 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है.



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