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Mahakumbh Stampede 144 years coincidence reason behind sangam incident


Mahakumbh Stampede: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में मंगलवार की देर रात हुई भगदड़ की एक बड़ी वजह 144 वर्ष के संयोग को भी माना जा रहा है. लोग इसी शुभ मुहूर्त में संगम स्नान के लिए घाट पर बैठे व लेटे रहे तभी बैरियर तोड़कर आई बेकाबू भीड़ ने उन्हें कुचल दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के बयान इसी बात का इशारा कर रहे हैं.

इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी असम से आई मधुमिता बताती हैं, संगम घाट पर लोग सुबह होने के इंतजार में बैठे और लेटे थे. तभी लोगों की भीड़ अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए बने बैरियरों को तोड़ते हुए घाट की तरफ बढ़ी और घाट पर लेटे हुए लोग इस भीड़ की चपेट में आ गए.

बेगूसराय से आई बुजुर्ग महिला बदामा देवी ने कहा, ‘बेटा इस जनम में ऐसा मौका फिर नहीं मिलेगा, इसीलिए हम इतनी दूर से गंगा मैया में स्नान के लिए आए.’ झारखंड के पलामू से आए राम सुमिरन भी यही बताते हैं. वह कहते हैं, ‘144 साल बाद यह पुण्य स्नान का अवसर आया है जिसे कोई भी गंवाना नहीं चाहता. यही वजह है कि देश दुनिया से लोग संगम के किनारे खुले आसमान के नीचे डेरा डालकर पड़े थे. तभी बैरियर तोड़कर आए जनसैलाब के नीचे वे दब गए.’

‘प्रशासन करता रहा निवेदन’
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत छोटे लाउडस्पीकर से बार-बार बताते रहे कि ‘सभी श्रद्धालु सुन लें..यहां (संगम तट) लेटे रहने से कोई फायदा नहीं है. जो सोवत है, वो खोवत है. उठिए और स्नान करिए. आपके सुरक्षित रहने के लिए यह जरूरी है. बहुत लोग आएंगे और भगदड़ मचने की आशंका है. आप पहले आ गए हैं तो आपको सबसे पहले अमृत स्नान कर लेना चाहिए. सभी श्रद्धालुओं से करबद्ध निवेदन है कि उठें.. उठें.. उठें और स्नान करके वापस जाएं.’ लेकिन श्रद्धालू शुभ संयोग का इंतजार करते रहे और ये हादसा हो गया.

हालांकि, प्रशासन को इस स्थिति का अंदाजा पहले से था कि लोग मौनी अमावस्या पर संगम में ही स्नान को लेकर डटे रहेंगे, ऐसे में प्रशासन की भी जिम्मेदारी थी कि वे किसी तरह लोगों को वहां से हटाएं.

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