President Draupadi Murmu Asia Biggest Festival Utkarsh And Unmesh International Literary Festival Is Going To Start In Bhopal
Utkarsh And Unmesha International Festival: मध्य प्रदेश के भोपाल में एशिया के सबसे बड़े उत्सव ‘उत्कर्ष और उन्मेष उत्सव’ का शुभारंभ 3 अगस्त से होने जा रहा है. 3 अगस्त को राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुबह 11.30 बजे उत्कर्ष और उन्मेष उत्सव का शुभारंभ करेंगी. इस दौरान राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी.
आयोजन को लेकर पत्रकार वार्ता में जानकारी दी गई. प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत संगीत नाटक अकादमी और साहित्य अकादमी के संस्कृति विभाग मध्य प्रदेश शासन के सहयोग से भारत की लोक जनजाति अभिव्यक्तियों के राष्ट्रीय उत्सव का आयोजन 3 से 5 अगस्त 2023 तक भोपाल में किया जाएगा. लोक कला, संगीत और साहित्य आधारित यह उत्सव पहली बार भोपाल में हो रहा है. यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है.
36 राज्यों के 800 कलाकार होंगे शामिल
प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि उत्कर्ष उत्सव में देश के 36 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 800 कलाकार भाग लेंगे. साथ ही लोक और जनजातीय प्रदर्शन कलाओं की सतरंगी छटा बिखेरेंगे. उत्सव का प्रसारण संगीत नाटक अकादमी के फेसबुक और यूट्यूब चैनल सहित संस्कृति विभाग के फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा.
शाम 5 बजे से होगी नृत्यों की प्रस्तुति
संगीत नाटक अकादमी भारत सरकार की अध्यक्ष डॉ संध्या पूरेचा ने बताया कि उत्कर्ष उत्सव के तीनों दिन शाम 5 बजे से रविंद्र भवन के सभागार में भारत के लोक नृत्य और जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी. इसके पूर्व बुधवार (2 अगस्त) को शाम 7 बजे कलश यात्रा निकाली जाएगी. उत्सव के पहले दिन गुरुवार (3 अगस्त) को शाम 5 बजे से विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी. लद्दाख के जबरो नृत्य, नागालैंड के सुमी वार नृत्य, गोवा के समय नृत्य, सिक्किम के सिंधी छम, मध्य प्रदेश के राई नृत्य, मेघालय के वांगला नृत्य, मध्य प्रदेश के बरेदी नृत्य, महाराष्ट्र के लावणी नृत्य, असम के बिहू नृत्य, ओडिशा के सिंगारी नृत्य, झारखंड के पाइका नृत्य और आंध्र प्रदेश के टप्पा गुल्लू नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी.
दूसरे दिन होंगे ये आयोजन
उत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार (4 अगस्त) को अरुणाचल प्रदेश के आजी लामू नृत्य, हिमाचल प्रदेश के सिरमौरी नाटी, छत्तीसगढ़ के पंथी नृत्य, राजस्थान के कालबेलिया नृत्य, असम के तिवा नृत्य, हरियाणा के फाग नृत्य, उत्तर प्रदेश के मयूर रास, झारखंड के नागपुरी झूमर, मणिपुर के ढोल चोलम और थांग टा नृत्य, तमिलनाडु के करकट्टम, पश्चिम बंगाल के नटुवा नृत्य, कर्नाटक के पूजा कुनिथा और गुजरात के मणीयारो रास नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी.
अंतिम दिन होगा कश्मीर का रौफ नृत्य
उत्कर्ष उत्सव के अंतिम दिन 5 अगस्त को कश्मीर के रौफ नृत्य, सिक्किम के सोराठी नृत्य, बिहार के झिझिया नृत्य, त्रिपुरा के होजागिरी नृत्य, छत्तीसगढ़ के गौड़ मारिया नृत्य, केरल के पुलिकली नृत्य, उत्तराखंड के छपेली नृत्य, ओडिशा के गोटीपुआ नृत्य, पंजाब के भांगड़ा, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया छऊ, तेलंगाना के ओग्गू डोलू और मध्य प्रदेश के गुदुम बाजा नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी.
एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मेलन है उन्मेष
साहित्य अकादमी भारत सरकार के सचिव डॉ. के श्रीनिवास राव ने बताया कि उन्मेष उत्सव एशिया का सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मेलन है. इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव के अंतर्गत बहुभाषी कविता पाठ, लेखन पाठ, आदिवासी कवि सम्मेलन, साहित्य के विषयों पर परिचर्चा, आजादी के अमृत महोत्सव पर कविता पाठ और साहित्य के उत्थान संबंधी विभिन्न विषयों पर प्रबुद्धजनों की ओर से विमर्श किया जाएगा. इसके साथ ही पुस्तक मेला में साहित्य अकादमी और अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें बिक्री के लिए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध रहेंगी. उत्सव के दौरान साहित्य अकादमी की ओर से प्रख्यात लेखकों पर बनी डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई जाएगी.
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