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HIPA is now MSHIPA named after Dr Manmohan Singh Sukhvinder Singh Sukhu issued notification ANN


Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी है. हिमाचल प्रदेश इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन अब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम से जाना जाएगा. इसका नाम अब डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (MS-HIPA) होगा.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने 1 जनवरी 2025 को कार्यक्रम के दौरान इसकी घोषणा की थी. मंगलवार (21 जनवरी) को राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. पिछली राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिल गई थी.

जानें हिमाचल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन का इतिहास

हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (HIPA) की स्थापना 1 जनवरी, 1974 को हुई थी. यह संस्थान शिमला से मशोबरा रोड पर लगभग 12 किलोमीटर दूर फेयर लॉन्स में है. यह संस्थान एक ऐतिहासिक इमारत में स्थित है. शांत और मनोरम परिवेश वाले इस भवन में विशाल और शानदार लॉन हैं. इसका निर्माण मूल रूप से ब्रिटिश भारत के विदेश कार्यालय के आर. डिक्सन ने करवाया था. बाद में इसे मलेरकोटला के नवाब मुजफ्फर अली खान क्विज्जलबाश ने खरीद लिया.

50 साल बाद नाम में बदलाव

साल 1947 में उनके पाकिस्तान चले जाने पर यह संपत्ति पंजाब सरकार के पास आ गई, जिसने इसे सर्किट हाउस में बदल दिया. नवंबर, 1966 में राज्यों के पुनर्गठन के समय यह संपत्ति हिमाचल प्रदेश सरकार को हस्तांतरित कर दी गई. बाद में इसे संस्थान की स्थापना के लिए चुना गया. समय के साथ यह संस्थान एक पूर्ण प्रशिक्षण संस्थान के रूप में विकसित हो गया है. इसमें वे सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो इस प्रकार के संस्थान में होनी चाहिए. हिमाचल प्रदेश इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन अब डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन हो गया है.

CM सुक्खू ने डॉ. सिंह को किया याद

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह राज्य सरकार की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का देश का योगदान विकास महत्वपूर्ण योगदान रहा. उनका हिमाचल प्रदेश से भी विशेष नाता था. वे हमेशा ही हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विकास कार्यों में अपना योगदान देते रहे.

ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से उनकी याद में इस ऐतिहासिक भवन को अब जाना जाएगा. उनकी दूरदर्शिता, सरलता और नीतिगत कुशलता ने भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी और वैश्विक स्तर पर भारत का मान बढ़ाया. भारतीय राजनीति में उनके योगदानों को युगों-युगों तक याद रखा जाएगा. उनके कार्य सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे.

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