bihar eleven people involved in cyber crime arrested in nawada ann
Nawada Cyber Crime: बिहार के नवादा में साइबर क्राइम करने वाले युवकों ने पुलिस के लिए बड़ी चुनौती पेश की है. यहां रोजाना पुलिस को साइबर क्राइम करने वालों के खिलाफ बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस साइबर क्राइम करने वाले आरोपितों की गिरफ्तारी करने में सफल होती है. इन साइबर अपराधियों को जड़ से उखाड़ने की कोशिश नवादा के एसपी अभिनव धीमान के जरिए की जा रही है.
साइबर क्राइम का अड्डा बन गया है वारसलीगंज
डीएसपी प्रिया ज्योति ने शुक्रवार को बताया कि एसपी अभिनव धीमान की देखरेख में एक एसआईटी गठित की गई है, जिसकी देखरेख डीएसपी प्रिया ज्योति स्वयं कर रही हैं. डीएसपी प्रिया ज्योति ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में बताया कि वारसलीगंज प्रखंड के अपसढ़ और महरथ गांव में छापामारी कर 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. इन अपराधियों को खेत में चारों तरफ से घेराबंदी करके गिरफ्तार किया गया. डीएसपी ने बताया कि नवादा जिले का वारसलीगंज विधानसभा क्षेत्र साइबर क्राइम का अड्डा बन गया है.
इन साइबर अपराधियों की पहचान शाहपुर थाना क्षेत्र के महरथ गांव के दामोदर सिंह का 27 वर्षीय पुत्र बिट्टू कुमार, अजय सिंह का 27 वर्षीय पुत्र ललमनी कुमार, अनिल सिंह का 25 वर्ष से पुत्र रंजीत कुमार, धीरज कुमार का 20 वर्षीय पुत्र रितेश कुमार, दिनेश सिंह का पुत्र रोशन कुमार उर्फ हेमंत कुमार, सुरेंद्र सिंह का पुत्र 30 वर्षीय मुकेश कुमार, स्वर्गीय रामबरन प्रसाद का पुत्र 22 वर्षीय नीरज कुमार, पशुपति प्रसाद का 22 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार, तो वही शाहपुर थाना क्षेत्र के जमुआवां गांव के स्वर्गीय विजय सिंह का पुत्र शिशु कुमार उर्फ गोलू और वारसलीगंज प्रखंड के अपसढ गांव के उमेश प्रसाद का पुत्र विकास कुमार उर्फ रोहित कुमार, उमेश प्रसाद का पुत्र गोपाल कुमार के रुप में हुई है.
साइबर क्राइम में 20 से 30 साल उम्र के युवक शामिल
इन सभी साइबर क्राइम करने वाले युवकों के पास से मोबाइल फोन 22, नगद 5 हजार रुपये, नोट गिनने वाली एक मशीन, 54 पन्नों की डाटा शीट और अन्य सामान बरामद किए गए. इस साइबर क्राइम में सबसे ज्यादा 20 से 30 साल के उम्र के युवक शामिल हैं, जो अपना भविष्य खराब करने में जुट गए हैं. पढ़ाई-लिखाई छोड़कर वे लोगों से ठगी करने का काम कर रहे हैं. साइबर क्राइम करने वाले सभी के परिवार को भी पता है कि उनका बेटा गलत काम करता है, फिर भी किसी ने आज तक पुलिस को एक लिखित आवेदन देकर इसकी जानकारी नहीं दी है, लेकिन जब पुलिस उन्हें पकड़ती है, तो माता-पिता और परिवार के लोग पुलिस के पास जाकर कहते हैं कि उनका बेटा बेगुनाह है. इसके बाद पुलिस उन्हें सबूतों के साथ सारी जानकारी पेश करती है. फिर भी परिवार के लोग पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करते हैं.