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NIA court hearing sentenced Bangladeshi citizen to 7 years was accused in this case


Court Sentenced Bangladeshi Citizen: बेंगलुरू में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक विशेष अदालत ने सोमवार (30 दिसंबर) को भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक बांग्लादेशी नागरिक को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई.

अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि बांग्लादेशी नागरिक जाहिदुल इस्लाम जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश इंडिया (JMB-India) के इशारे पर भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था.

लगाया गया 57000 का जुर्माना 

एनआईए ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि जाहिदुल इस्लाम उर्फ ​​कौसर पर डकैती, साजिश और धन उगाही के साथ-साथ गोला-बारूद की खरीद से जुड़े मामलों में संलिप्तता के लिए 57,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.बयान में कहा गया कि इसके साथ ही इन मामलों में कुल 11 आरोपियों को दोषी ठहराया जा चुका है. एनआईए ने कहा कि वह और उसके साथी बर्दवान में अक्टूबर 2014 के विस्फोट मामले में शामिल थे. 

अवैध रूप से घुसे थे भारत में

एनआईए की जांच के अनुसार, जहीदुल इस्लाम और सलाउद्दीन सालेहिन बांग्लादेश पुलिस की हिरासत से भागने के बाद 2014 में अवैध रूप से भारत में घुस आए थे. इस दौरान,उसने और उसके साथियों ने अक्टूबर 2014 के बर्दवान धमाके की साजिश रची थी. इस विस्फोट के बाद जाहिदुल और उसके साथी बेंगलुरु भाग गए थे, यहां उन्होंने जेएमबी की भारत विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए पश्चिम बंगाल और असम के भोले-भाले मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाया. NIA ने अपनी जांच में पाया कि जनवरी 2018 में बोधगया में हुए विस्फोट के पीछे भी जाहिदुल इस्लाम और उसके साथी थे.

 डकैती के जरिए धन जुटाने की भी साजिश

जांच में यह भी सामने आया है कि जहीदुल ने जेएमबी के आतंकी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए डकैती के जरिए धन जुटाने की भी साजिश रची थी. 2018 में उन्होंने बेंगलुरु में चार डकैतियां भी की थी. इस लूटे गए पैसे का इस्तेमाल उन्होंने अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया था.इस मामले की आगे की जांच और फरार आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.



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