puri jagannath temple darshan rules will change from January 2025 know new system
Puri Jagannath temple News Rule: ओडिशा सरकार ने पुरी के ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर में दर्शन की व्यवस्था में सुधार के लिए नए नियम लागू करने की योजना बनाई है. नई व्यवस्था 1 जनवरी 2025 से लागू होगी. इस पहल का उद्देश्य दर्शन के दौरान भक्तों को बेहतर सुविधा प्रदान करना है.
ओडिशा के कानून मंत्री हरिचंदन ने घोषणा की है कि 27 या 28 दिसंबर तक आवश्यक कार्य पूरे कर लिए जाएंगे. वहीं, 30 और 31 दिसंबर को दो दिनों के लिए नई व्यवस्था का ट्रायल किया जाएगा. सफल परीक्षण के बाद यह नई व्यवस्था 1 जनवरी 2025 से स्थायी रूप से लागू कर दिया जाएगा.
नई दर्शन व्यवस्था के बदलाव
सरकार और मंदिर प्रशासन ने मंदिर में महिलाओं, बच्चों, दिव्यांग व्यक्तियों, और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था की घोषणा की है. इस पहल का उद्देश्य दर्शन करने आए भक्तों को सुरक्षित, सुविधाजनक और सुगम अनुभव प्रदान करना है. महिलाओं और बच्चों को भीड़भाड़ से बचाने और उन्हें अधिक सुविधा देने के लिए विशेष प्रवेश और निकास व्यवस्था किया गया है.
महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता
महिलाओं और बच्चों को दर्शन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी. दिव्यांग व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए व्हीलचेयर और अन्य सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे.दर्शन के दौरान उन्हें लाइन में अलग व्यवस्था के तहत जल्दी प्रवेश दिया जाएगा. भक्त अब मौजूदा “सतपहाचा” द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे. निकास के लिए “घंटी” और “गराडा” द्वार का उपयोग किया जाएगा. इस बदलाव का उद्देश्य दर्शन के दौरान भीड़ को नियंत्रित करना और भक्तों के लिए अधिक व्यवस्थित प्रक्रिया सुनिश्चित करना है
ऑनलाइन टिकट सिस्टम की होगी व्यवस्था
भक्तों की सुविधा के लिए दर्शन के समय और प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा. ऑनलाइन टिकट सिस्टम और क्यूआर कोड स्कैनिंग जैसे तकनीकी उपायों को शामिल किया जा सकता है. भीड़ नियंत्रण के लिए नए बैरिकेड और लाइन मैनेजमेंट सिस्टम लागू की जाएगी. सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाया जाएगा ताकि सभी भक्त सुरक्षित और शांति से दर्शन कर सकें.
कानून मंत्री हरिचंदन का बयान
कानून मंत्री हरिचंदन ने कहा कि यह नई व्यवस्था भक्तों को सुगमता और सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है. उन्होंने कहा “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी भक्त भगवान जगन्नाथ के दर्शन का अनुभव आराम और शांति से कर सकें.”