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Terror of Guldar in Pauri district of Uttarakhand DM declared holiday in schools ann


Uttarakhand News: उत्तराखंड के पौड़ी जिले में गुलदार का आतंक दिनो दिन बढ़ता जा रहा है. खासकर रिखणीखाल प्रखंड के ग्राम गुठेर्ता और इसके आसपास के इलाकों में यह समस्या गंभीर रूप ले चुकी है. हालात इतने भयावह हो गए हैं कि जिला प्रशासन को 12वीं तक के स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को 22 दिसंबर तक बंद रखने का आदेश देना पड़ा है. यह फैसला बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने लिया है.

पिछले दो महीनों में रिखणीखाल क्षेत्र में गुलदार द्वारा मवेशियों पर हमलों की घटनाएं लगातार सामने आई हैं. हाल ही में ग्राम सभा गुठेर्ता के तोक ग्राम कोटा में गुलदार ने छह वर्षीय आदित्य को अपना निवाला बना लिया. यह दर्दनाक घटना रक्षा बंधन के दौरान हुई, जब आदित्य अपनी मां के साथ ननिहाल आया हुआ था. इस हादसे के बाद ग्रामीणों में डर और बढ़ गया है. ग्राम सभा गुठेर्ता, कोटा, पीपलसारी, बमासू, हिटोली, कंडिया, देवियोंखाल सहित कई गांवों में गुलदार ने आतंक मचा रखा है.

डीएम ने घोषित किया तीन दिन का अवकाश
ग्रामीणों का कहना है कि शाम ढलते ही घरों में कैद होना उनकी मजबूरी बन गई है. रात के समय कोई भी व्यक्ति घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा. गुठेर्ता की प्रशासक मीनाक्षी देवी ने बताया कि पिछले दो महीनों में ऐसा कोई दिन नहीं गया, जब गुलदार ने मवेशियों को अपना शिकार न बनाया हो. जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रभावित क्षेत्र के 13 स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में तीन दिन का अवकाश घोषित कर दिया है.

घटना के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है. गढ़वाल वन प्रभाग की पोखड़ा रेंज की टीम ने क्षेत्र में गश्त शुरू कर दी है. अगस्त माह में ग्राम कोटा में दो गुलदारों को पिंजरे में कैद किया गया था, जिससे ग्रामीणों को थोड़ी राहत मिली थी. लेकिन अब एक बार फिर गुलदार की दहशत बढ़ने से विभाग ने पिंजरा लगाने और अनुमति प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है. प्रभागीय वनाधिकारी स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि गुरुवार को रिखणीखाल प्रखंड के बमासू और आसपास के गांवों में गुलदार के आतंक की सूचना मिली. जल्द ही प्रभावित क्षेत्रों में पिंजरा लगाने का कार्य शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही ग्रामीणों को रात्रि में घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी जा रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और गुलदार को पकड़ने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. वहीं, वन विभाग ने भी स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत देने की अपील की है.पौड़ी जिले के रिखणीखाल क्षेत्र में गुलदार का आतंक सिर्फ जानमाल का खतरा नहीं, बल्कि ग्रामीणों की दिनचर्या और मानसिक स्थिति पर भी गहरा असर डाल रहा है. प्रशासन और वन विभाग की त्वरित कार्रवाई से स्थिति में सुधार की उम्मीद है, लेकिन ग्रामीण अब भी भय के साये में जीने को मजबूर हैं. 

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