Kerala Wayanad tribal woman body carried in auto rickshaw officials fail to provide ambulance
न्यूज एजेंस पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उस महिला का नाम चुंदम्मा था, जिसके परिजन शव को चादर में लपेटकर ऑटो में ले जाते दिखे गए. इस बाद सोमवार (16 दिसंबर 2024) को राज्य में जमकर प्रदर्शन हुए.
परिवार ने शव को श्मशान ले जाने के लिए आदिवासी विकास कार्यालय से एंबुलेंस का घंटों इंतजार किया था. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के सदस्यों ने घटना का विरोध करने के लिए मनंतावडी में आदिवासी विकास कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.
विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने इस मामले के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. परिवार ने शाम 4 बजे तक एम्बुलेंस का इंतजार किया और बाद में उनके पास शव को ऑटो में 3.5 किलोमीटर दूर स्थित अंतिम संस्कार वाले जगह तक ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.
एडवाका ग्राम पंचायत के अध्यक्ष अहमद कुट्टी ने यह भी दावा किया कि विभाग ने स्थानीय लोगों को एंबुलेंस की उपलब्धता को लेकर अंधेरे में रखा, जिसके कारण वे वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर पाए.
यह आदिवासी क्षेत्र की पहली घटना नहीं है, जहां एंबुलेंस के अभाव में इस तरह की कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा हो. सितंबर में कर्नाटक के तुमकुर जिले में दो लोगों को कथित तौर पर अपने 80 वर्षीय बीमार पिता को एम्बुलेंस न मिलने के कारण अस्पताल ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
Published at : 17 Dec 2024 02:04 PM (IST)