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Congress Leader Abhishek Manu Singhvi Call 1975 Emergency is Mistake said this is unannounced emergency today | 1975 में थोपा गया आपातकाल एक गलती, पर आज वाले की कोई समय सीमा नहीं; अभिषेक सिंघवी बोले


 Abhishek Manu Singhvi News: कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने 1975 में देश में थोपे गए आपातकाल को एक गलती करार देते हुए सोमवार (16 दिसंबर, 2024) को कहा कि यह 18 महीने तक रहा, लेकिन आज देश में अघोषित आपातकाल का दौर है, जिसकी कोई समय सीमा नहीं है. भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर राज्यसभा में जारी चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने 1975 में आपातकाल को निश्चित समय सीमा के लिए संवैधानिक विकृति करार दिया और कहा कि मौजूदा अघोषित आपातकाल की कोई समय सीमा नहीं है और यह बेरोकटोक जारी है. 

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘आपातकाल की बात करें तो गलतियां हुई थीं. कांग्रेस भी पहले यह कह चुकी है. अब 90 प्रतिशत भाषण 1950 के पहले संविधान संशोधन से शुरू होते हैं. आज जो विकृतियां सामने आई हैं, उनका क्या होगा… उत्तर क्या है? अगर नेहरू ने गलती की है, तो हम भी करेंगे, क्या यही तरीका है?’’ सिंघवी ने कहा कि यह तर्कसंगत नहीं है. उन्होंने कहा कि 1975 में आपातकाल 18 महीने चला था और लोगों ने अंततः इंदिरा गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया. 

‘संप्रभुता का पवित्र ग्रंथ संविधान खतरे में है’

सिंघवी ने कहा, ‘‘वह आपातकाल एक विकृति था, जिसका संविधान ने भी समर्थन किया. दोष थे, लेकिन यह समाप्त हो गया. इस अघोषित आपातकाल के लिए क्या समय सीमा है जो अभी है? इसे खत्म करने के लिए संविधान क्या सुरक्षा कवच है, कुछ भी नहीं है, शून्य.’’ केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा, “देश में भय का माहौल है. हमारी संप्रभुता का पवित्र ग्रंथ संविधान खतरे में है, लोकतंत्र के स्तंभ कांप रहे हैं क्योंकि निरंकुशता हमारे सत्ता के मंदिरों में घुस रही है, धर्मनिरपेक्षता की पवित्रता को तार-तार किया जा रहा है और संघवाद खंडित हो रहा है.’’ 

‘लोकतंत्र के संरक्षक इसके षड्यंत्रकारी बन गए हैं’

सिंघवी ने कहा, ‘‘हम एक ऐसा समय देख रहे हैं जहां संस्थाएं अक्षम हो रही हैं, असहमति को बदनाम किया जा रहा है और सच का गला घोंटा जा रहा है. लोकतंत्र के संरक्षक इसके षड्यंत्रकारी बन गए हैं, स्वतंत्रता के रक्षक अब इसके शिकारी हैं.’’ सिंघवी ने कहा कि गांधी-नेहरू-पटेल ने जरूर कुछ सही किया होगा तभी तो भारत में लोकतंत्र मजबूत बना रहा जबकि कई अन्य देशों में यह लड़खड़ा गया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार धर्मनिरपेक्षता और संघवाद के सिद्धांतों के खिलाफ काम कर रही है. कुछ राज्यों में इमारतों पर बुलडोजर चलाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 95 फीसदी से ज्यादा कार्रवाई एक खास समुदाय के खिलाफ हुई है. सिंघवी ने कहा कि यह बुलडोजर की राजनीति है और केंद्र सरकार ने इसे इतना महिमामंडित किया है कि अब मुख्यमंत्री एक-दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. 

‘राज्यपालों पर भी किया हमला’

सिंघवी ने कुछ राज्यपालों पर भी हमला किया जो उनके अनुसार सहकारी संघवाद के सिद्धांत के खिलाफ काम कर रहे हैं. सिंघवी बोले, ‘‘चुनी हुई सरकार को गलतियां करने का हक है… राज्यपाल सुपर सीएम नहीं हैं… आज हमारे पास सुपर सीएम हैं.’’ उन्होंने यह भी कहा कि नौकरशाही को संविधान का एक स्तंभ होना चाहिए पर उस पर भी हमला हो रहा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि आज नौकरशाही में दासता और वफादारी सर्वोपरि हो गए हैं और जो ऐसा नहीं करता उसे प्रताड़ित किया जाता है. उन्होंने मीडिया पर भी सवाल उठाए. 

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