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Political Strategy: महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर बीजेपी ने अपना परचम लहराया है. इस सफलता के पीछे एक “पंचतत्व का बीज मंत्र” है. जिसमें हिंदुत्व, ओबीसी एकीकरण, बूथ मैनेजमेंट, सरकार की योजनाओं और संघ-संगठन की ताकत को प्रमुख कारक माना गया.

1. एक है तो सेफ है 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बीज मंत्र ने सब को एक साथ लाने मे बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. ये पहला मौका था जब प्रधानमंत्री ने इस तरह से सब के एक होने का आह्वान किया था. पीएम ने अपनी ताबड़तोड़ रैलियों में इसे एक बार नहीं बल्कि कई  बार दोहराया था. दिलचस्प ये है कि इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी. योगी ने अपने चुनावी भाषण में कहा था “बंटेंगे तो कटेंगे”. पर इसी को एक स्तर पर ले जाकर पीएम ने सबके बीच में एक मंत्र के तौर पर विस्तार देते हुए पहुंचा दिया. प्रधानमंत्री के इस नारे से हिंदुत्व तो एक हुआ ही बल्कि हिंदू वोट बैंक भी एक साथ भारतीय जनता पार्टी के साथ नजर आया.

2. OBC कंसोलिडेशन 

BJP के लिए ये दूसरा सबसे बड़ा मंत्र साबित हुआ. भारतीय जनता पार्टी के लिए OBC वोट सबसे बड़ा विजय मंत्र बन के सामने आया. महाराष्ट्र के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले इसका एक बड़ा चेहरा बनके उभरे. बावनकुले को 2019 के चुनाव में टिकट नहीं मिला था, लेकिन उसके बावजूद वह पार्टी के कामों में जुटे रहे, जिसका फायदा ये हुआ कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया. 2023 से उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया. काम का अंदाज भी अलग था सैकड़ों किलोमीटर ट्रेन में यात्रा लगातार हजारों कार्यकर्ताओं से मिलना और उसके बाद बैठकों का दौर जिसमें सीधे तौर पर गृह मंत्री अमित शाह और BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा के साथ तालमेल बनाया गया.

राज्य के चुनाव में प्रभारी रहे सांसद भूपेंद्र यादव ने रणनीति को नई धार दी तो वही संगठन की ओर से शिव प्रकाश की भूमिका भी पार्टी को जीत की तरफ अग्रसर करती रही. “एक हैं तो सेफ हैं” के नारे ने जहां पर हिंदू वोट बैंक को एक किया तो वहीं OBC कंसोलिडेशन को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने हर कदम उठाया. ऐसी करीब सौ सीटें है जिसपर इनका सीधा असर है और 224 के लोकसभा चुनाव में हुई गलतियों में जिसमें OBC वोट बैंक तितर-बितर हुआ था उसी एक साथ संयुक्त रूप से BJP के और महायुति के परचम तले लाया जा सका.

3. बूथ मैनेजमेंट- C बूथ से A तक का सफर 

गृह मंत्री को चुनाव का चाणक्य कहा जाता है और और महाराष्ट्र के एक लाख बूथ में ये फेरबदल बहुत जरूरी था. इस रणनीति के तहत सी कैटेगरी बूथ को A कैटेगरी तक लाना बहुत बड़ी चुनौती थी. ये सुनने और पढ़ने में तो बड़ा आसान लगता हैं पर जमीन पर इसे कारगर करना उतना ही चुनौतीपूर्ण होता है. महाराष्ट्र में गृह मंत्री ने करीब 10 हजार पार्टी के पदाधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कि इन बैठकों में जिन बूथ पर भारतीय जनता पार्टी तीसरे नंबर पर थी उससे पहले नंबर पर लाने की कोशिश को अंजाम देना था.

इसका सीधा असर करीब 120 विधानसभाओं पर पड़ा. मिसाल के तौर पर करीब 30 हजार ऐसे बूथ थे जिन पर भारतीय जनता पार्टी तीसरे स्थान पर उन पर सीधा फोकस किया गया. गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी बैठकों में हर कार्यकर्ता से एक ही बात कही कि जहां पर BJP का वोट कम है वहां पर BJP का वोट पर्सेंटेज बढ़ाना होगा और जहां BJP का वोट 10 फीसदी से कम है वहां पर उसे 10 फीसदी से ज्यादा करना होगा. हर कार्यकर्ता को दिए गए इस टारगेट पर लगातार प्रदेश अध्यक्ष की नजर रहती थी. प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले राज्य स्तर की बैठकों की रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर पर देते थे.

4. सरकार का काम, भारतीय जनता पार्टी का नाम

महायुति कि सरकार को एकनाथ शिंदे की अगुवाई में भले ही ढाई साल मिले हों, लेकिन इन ढाई साल में किए गए काम को शिंदे की सरकार का काम नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी की उपलब्धियों के तौर पर जनता में पहुंचाया गया. भाजपा ने अपने एक-एक स्कीम को जनधन के बीच पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. लड़की बहना योजना से लेकर फसल बीमा हो या फिर किसानों का कर्ज माफी का फैसला इन सब को महाराष्ट्र के हर वोटर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी बात अपना काम और अपना नाम सब जोड़कर पहुंचाया गया.

भले ही मुख्यमंत्री का चेहरा भाजपा ने न बताया हो पर हर तस्वीर में देवेंद्र फडनवीस की तस्वीर भाजपा की तकदीर बदलने में बड़ी भूमिका निभा रही थी. पार्टी ने देवेंद्र फडनवीस की स्वीकार्यता को जन-जन तक पहुंचाया और ऐसा करने में सरकार की हर स्कीम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में डबल इंजन की सरकार में आने वाले वर्षों की रेल सरपट दौड़ा दी.

5. संघ और संगठन 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय नागपुर में है. संघ और संगठन जब एक साथ कार्यरत हुए तो सफलता मिलना तय था. हरियाणा की जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी में फिर एक बार अपनी पुरानी ताकतों के साथ सरकार की योजनाओं का हाथ शामिल कर दिया .

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम 

गृह मंत्री अमित शाह का काम

JP नड्डा की राजनीति

भूपेंद्र यादव की रणनीति

शिव प्रकाश का संगठन

संघ और संगठन का गठबंधन

देवेंद्र फडणवीस की तस्वीर

चंद्रशेखर बावनकुले की तासीर 

अजीत पवार की घड़ी

एकनाथ शिंदे की योजनाओं की झड़ी

पार्टी ने छोटे-छोटे बिंदुओं को जोड़कर एक लंबी और बड़ी रेखा खींची है जिसे आने वाले दिनों में किसी भी ओर दल के लिए मिटाना क्या वहां तक पहुंचना भी लगभग असंभव होगा.

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