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‘मानसरोवर भी नहीं जाने दिया जाएगा’, अखिलेश के बयान पर राजनाथ का रिएक्शन देख लाल हो जाएंगे जिनपिंग


लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने जातिगत जनगणना, प्रति व्यक्ति आय, लद्दाख में सीमा विवाद और जांच एजेंसियों की भूमिका से जुड़े मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने कहा, चीन से सीमा विवाद का जिक्र कर कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब चीन हमें मानसरोवर जाने से भी रोकने लगेगा.

अखिलेश यादव ने कहा, सीमाओं की रक्षा करना प्रथम कर्तव्य है. जिस देश की सीमाओं की सुरक्षा में जहां पर समय समय पर सेंध लगती हो और हमारे माननीय मंत्री बेहतर जानते हैं कि कई जगहों पर सीमाएं सिकुड़ रही हैं. हमारे पड़ोस में कितने गांव बस गए हैं? न जाने कितने घर बसा दिए गए हैं. लद्दाख की तरफ दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं। हम अपनी सीमा में पीछे हटे, चीन हमारी सीमा से आंशिक रूप से पीछे हटा है. वो देश हमें मानसरोवर जाने से भी रोकने लगेगा. 

अखिलेश यादव ने कहा, डबल इंजन की सरकार में पहले इंजन टकराते थे, अब डब्बे भी टकराते हैं. आरक्षण न देना पड़े इसलिए सरकारी नौकरियां नहीं हैं. जान बूझकर पेपर लीक कराया जाता है, ताकि परीक्षाएं रद्द की जा सकें. जनता ने 400 के नारे को गिरा दिया और संविधान बदलने के सपने को तोड़ने का काम किया. 

ऐसा था राजनाथ का रिएक्शन

जब अखिलेश यादव सदन में चीन का मुद्दा उठा रहे थे तब राजनाथ सिंह भी वहां मौजूद थे. उन्होंने अखिलेश के आरोपों पर मुस्कुराते हुए प्रतिक्रिया दी. राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया ऐसी थी कि सीमा पर सब कुछ ठीक है और चीन अगर कोई हरकत करता भी है तो उससे निपटने के लिए भारत ने सारे इंतजाम कर लिए हों. राजनाथ सिंह का ये रिएक्शन जिनपिंग की टेंशन बढ़ाने के लिए काफी था. 

लद्दाख में पीछे हटीं सेनाएं

भारत और चीन के बीच गलवान हिंसा के बाद से सीमा विवाद चल रहा है. हालांकि, हाल ही में दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद आम सहमति बन गई है. भारत और चीन ने विवादित जगहों से अपनी सेनाएं वापस ले ली हैं. 



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