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india made 178 extradition requests only 23 extraditions secured in past 5 years Nityanand Rai says in lok sabha


Lok Sabha: सरकार ने मंगलवार (10 दिसंबर 2024) को लोकसभा को सूचित किया कि पिछले पांच वर्ष के दौरान विभिन्न देशों से कुल 23 भगोड़ों को सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित कराया गया है. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में पूछे गये एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि पिछले पांच वर्ष के दौरान आतंकवादी गतिविधियों में शामिल अपराधियों सहित विभिन्न भगोड़ों के प्रत्यर्पण के लिए 178 अनुरोध किये गये थे, जिसके परिणास्वपरूप 23 भगोड़ों को प्रत्यर्पित कराया गया है. 

’65 अपराधियों पर विचार कर रहा अमेरिका’

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विदेश मंत्रालय से प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार, भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए भारत की ओर से 65 अनुरोध अमेरिका को भेजे गये हैं, जो वहां विचाराधीन हैं. विदेश मंत्रालय प्रत्यर्पण मामलों के लिए नोडल प्राधिकरण है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री राय ने कहा, ‘‘पिछले पांच वर्ष (1 जनवरी 2019 से) के दौरान कुल 23 व्यक्तियों को सफलतापूर्वक प्रत्यर्पण कराया गया है.’’ 

उन्होंने कहा कि भारत सरकार भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए कूटनीतिक प्रयास कर रही है.  उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की नीति अधिक से अधिक देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियां करने की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भगोड़े अपराधी बच न सके.”

प्रत्यर्पण संधियों को लेकर इन देशों से करार

भारत ने जिन देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, ईरान, सऊदी अरब, यूएई, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड आदि शामिल हैं. इसने एक दर्जन देशों के साथ प्रत्यर्पण व्यवस्था भी की है, जिसमें एंटीगुआ और बारबुडा, इटली, पेरू, श्रीलंका, सिंगापुर, स्वीडन और तंजानिया शामिल हैं.

प्रत्यर्पण एक औपचारिक प्रक्रिया है, जिसमें एक देश किसी व्यक्ति को दूसरे देश को सौंपता है, ताकि अनुरोध करने वाले देश के अधिका्र क्षेत्र में किए गए अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सके या सजा दी जा सके. भारत ने टॉप भगोड़ों में जिनके अनुरोध ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों के पास लंबित हैं, उनमें व्यवसायी और पूर्व सांसद विजय माल्या, पूर्व आईपीएल अध्यक्ष ललित मोदी, 26/11 हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा, खालिस्तान समर्थक आतंकवादी लखबीर सिंह लांडा और अर्शदीप सिंह गिल शामिल हैं. (इनपुट एजेंसी से भी)

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