News

Syria Saydnaya Prison Hellhole of Mass Executions and Unimaginable Brutality


Syria Jail: सीरिया में बशर अल-असद शासन के खिलाफ 13 साल पहले शुरू हुए विद्रोह के बाद विद्रोहियों ने दमिश्क, हामा और अलेप्पो के पास सरकारी जेलों में बंद कैदियों को रिहा किया. इन जेलों में से सबसे कुख्यात जेल सैयदनया है, जिसे अक्सर ‘मानव वधगृह’ कहा जाता है.

यूके आधारित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, सीरियाई शासन की जेलों में एक लाख से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से 30,000 से अधिक सैयदनया में ही मारे गए. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने जांच में पाया है कि “सैयदनया में हत्या, यातना, अनिवार्य गुमशुदगी और उन्मूलन, 2011 से जारी रहे हैं और यह नागरिकों पर हमले के रूप में व्यवस्थित और व्यापक रूप से किए गए हैं.” रिपोर्ट में कहा गया कि सैयदनया में हुई इन घटनाओं को मानवता के खिलाफ अपराध माना जाता है.

सैयदनया में सामूहिक फांसी

एमनेस्टी रिपोर्ट के अनुसार, सैयदनया सैन्य जेल में दो डिटेंशन सेंटर थे. 2011 में हुए विद्रोह के बाद गिरफ्तार किए गए नागरिकों को रखा जाता था और विरोध प्रदर्शनों में शामिल सैनिकों और अधिकारियों को रखा जाता था. रिपोर्ट में कहा गया है कि हजारों कैदियों को गुपचुप तरीके से फांसी दी गई. रिपोर्ट में यह ब्यौरा दिया गया है कि “पीड़ितों को ‘ट्रायल’ में दोषी ठहराया जाता है. ये ट्रायल एक से तीन मिनट तक चलते हैं. जब फांसी की सजा दी जाती है, तो जेल प्रशासन ‘पार्टी’ के नाम से इसे आयोजित करते हैं.”

सजा के आदेश और यातना

रिपोर्ट में कहा गया है कि सैयदनया में पीड़ितों को अत्यधिक शारीरिक और मानसिक यातनाओं का सामना करना पड़ता था. रिपोर्ट के मुताबिक, “उन्हें नियमित रूप से अत्यधिक पीटाई और यौन हिंसा का सामना करना पड़ता था. उन्हें भोजन, पानी, दवाइयां, चिकित्सा देखभाल और स्वच्छता से वंचित रखा जाता था, जिससे संक्रमण और बीमारी का प्रसार हुआ.”

रिपोर्ट में एक कैदी का हवाला दिया गया है, जो एक हाई स्कूल छात्र था जब उसे गिरफ्तार किया गया था. छात्र ने कहा, “आप शायद ही किसी पूर्व सैयदनया कैदी से सच सुन पाएंगे, क्योंकि यह इतना अपमानजनक था.गार्ड्स हमसे कहते थे कि हम सभी कपड़े उतारकर बाथरूम जाएं, फिर एक छोटे या युवा लड़के को चुनते थे और उसके साथ गंदी हरकत करते थे. कोई भी इसे स्वीकार नहीं करेगा, लेकिन यह अक्सर होता था.”

‘बंदियों की रिहाई से काफी खतरे’

सीरिया में सत्ता परिवर्तन के बाद, विद्रोही सेनाओं ने जेलों पर कब्जा कर लिया और सैयदनया सहित बंदियों को रिहा कर दिया. एक वीडियो में एक व्यक्ति को सैयदनया से रिहा होने के बाद दिखाया गया है, जो पहले तो सदमे में है और फिर परिवार के बारे में पूछता है. सीरियाई नेटवर्क फॉर ह्यूमन राइट्स के संस्थापक गुरदीन अब्दुलघानी ने कहा कि राजनीतिक बंदियों की रिहाई का स्वागत किया जाना चाहिए, लेकिन बिना सोचे-समझे बंदियों की रिहाई से काफी खतरे हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें:

‘किसानों से खाली करवाएं सड़कों पर किया गया अतिक्रमण’, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई जनहित याचिका



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *