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Agara News SP MP Ramji Lal Suman rejected Temple claim in Ajmer Sharif Dargah ann


Agra News Today: अजमेर शरीफ दरगाह में हिंदू मंदिर होने के दावे के बाद विवाद शुरू हो गया है. अजमेर शरीफ दरगाह के पक्ष में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन सामने आए हैं. उन्होंने कुछ लोगों पर गंगा जमुनी तहजीब को बिगाड़ने का आरोप लगाया.

दरअसल, बीते दिनों विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर मंदिर होने का दावा किया गया. इसको लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है. अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर होने का दावा करने वाले लोगों को समाजावादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन ने आड़े हाथों लिया.

सपा सांसद ने दी ये नसीहत
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल ने कहा, “कुछ लोग हमारी गंगा जमुनी सभ्यता को खत्म करना चाहते हैं, ऐसे लोग अपनी हरकत से बाज आएं.” उन्होंने कहा, “सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर देश और दुनिया की बड़ी से बड़ी हस्ती पहुंची हैं.”

अजमेर शरीफ दरगाह विवाद पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने कहा, “कुछ तत्व हमारे देश में सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने में लगे हैं. हमारी गंगा जमुनी सभ्यता संस्कृति है, उस पर हमला कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, “अभी हाल में अजमेर शरीफ दरगाह के मामले को लेकर कोई सिरफिरा व्यक्ति कोर्ट में चला गया.”

‘गांधी भी गए थे अजमेर शरीफ’
रामजीलाल सुमन ने कहा, “अजमेर शरीफ दरगाह में खुदाई की बात कर रहे हैं. जबकि दरगाह में दुनिया का बड़े से बड़ा व्यक्ति गया है. यहां कोई ऐसा नहीं है जो नहीं गया हो.” उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी भी भारत भ्रमण के दौरान अजमेर शरीफ की दरगाह पर गए थे. हर साल प्रधानमंत्री की ओर से दरगाह चादर पोशी होती है.” 

‘हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक’
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन ने कहा, “यह दरगाह हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है, इस दरगाह पर हिंदुओं की संख्या मुसलमानों से ज्यादा होती है.” अल्पसंख्यक समुदाय के जरिये लगाए जा रहे आरोपों पर उन्होंने कहा, “हिंदुस्तान के मुसलमानों के आदर्श बाबर नहीं है बल्कि यहां के मुसलमान पैगंबर मोहम्मद साहब को आदर्श मानते हैं.” 

आरएसएस चीफ के पुराने बयान का जिक्र करते हुए रामजीलाल सुमन ने कहा, “मोहन भागवत ने जून 2022 में कहा था कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजना बंद होना चाहिए. इससे आपसी सौहार्द बिगड़ता है.” उन्होंने कहा, “जो सौहार्द खराब करने वाले लोग हैं हम चाहते हैं कि वह अपनी हरकत से बाज आएं. कोई ऐसा काम ना करें, जिससे हमारी गंगा- जमुनी संस्कृति पर हमला हो.” 

‘दरगाह इतिहास में है दर्ज’
सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने कहा, “अजमेर शरीफ दरगाह ग्यारहवीं सदी की है. मुगल हमारे देश में 15वीं सदी में आए थे, भारत सरकार की किताबों और इतिहास में यह सच्चाई दर्ज है.” उन्होंने कहा, “दरगाह समिति ख्वाजा साहब अधिनियम 1955 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है.”

राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन ने कहा, “साल 1950 में न्यायाधीश गुलाम हसन की कमेटी ने जांच कर यहां दरगाह होने की पुष्टि की थी.” उन्होंने कहा, “इन कृत्यों से हमारी संस्कृति और सभ्यता को निशाना बनाया जा रहा है, यह दरगाह हमारे हिन्दू मुस्लिम एकता की निशानी हैं.” 

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