Jitu Patwari Targets Shivraj Singh Chouhan on farmers Protest
Jitu Patwari Targets Shivraj Singh Chouhan: राज्यसभा में स्पीकर जगदीप धनखड़ ने बीते दिनों कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की तारीफ करते हुए कहा, ‘लाडली बहनों का भाई अब किसानों का लाडला हो गया है. इसे लेकर अब मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा, “किसान लगातार परेशान हैं और जब वो अपने हक के लिए आगे आएंगे, तभी ऐसे झूठे नामकरण समाप्त होंगे.”
जीतू पटवारी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर लिखा, “माफ करो महामहिम-महाराज, किसानों के “लाडले” नहीं हैं शिवराज. खाद की कमी, बीज का अभाव, फसल खरीदी में देरी, बिचौलियों का दखल, कृषि ऋण माफी में देरी, फसल बीमा की दिक्कतें, उपज भंडारण में अव्यवस्था, बिजली-पानी से जुड़ी समस्या, प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप, कृषि नवाचारों में कमी की कहानी. एक नहीं, मप्र में ही ऐसी हजारों समस्याएं हैं. लगता है, किसान जब हक की हुंकार भरेंगे, शायद तभी ‘झूठे’ नामकरण मिटेंगे.”
माफ करो महामहिम-महाराज!
किसानों के “लाडले” नहीं हैं शिवराज!• खाद की कमी.
• बीज का अभाव.
• फसल खरीदी में देरी.
• बिचौलियों का दखल.
• कृषि ऋण माफी में देरी.
• फसल बीमा की दिक्कतें.
• उपज भंडारण में अव्यवस्था.
• बिजली-पानी से जुड़ी समस्या.
• प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप.
•… pic.twitter.com/5Dbq41GVp1
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) December 7, 2024
दो दिन पहले मांगा था इस्तीफा
वहीं, इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से किसानों की स्थिति और किसान आंदोलन पर पूछे गए सवालों के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंत्री का इस्तीफा मांगा था. जीतू पटवारी ने दावा किया था कि उपराष्ट्रपति ने शिवराज सिंह चौहान को झूठ बोलने वाला नेता करार दिया और यह बयान बीजेपी के नेतृत्व पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.
कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति के बयान के बाद शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते हुए उनकी नैतिक जिम्मेदारी तय करने की बात की. जीतू पटवारी ने शिवराज के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, “अगर उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार के कृषि मंत्री की पोल खोली है, तो यह एक गंभीर मामला है. ऐसे में मंत्री की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस्तीफा दें.”
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