India Strengthens Aviation Sector with Passage of the 2024 Aviation Bill Replacing 90 Year Old Laws ann
Aviation Revolution: आज भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को राज्यसभा से ध्वनिमत से पास कर दिया गया जिसके बाद यह विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है. इस विधेयक को केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने मंगलवार (3 दिसंबर) को राज्यसभा में पेश किया था. इस विधेयक के राज्यसभा से पारित होने के बाद यह लोकसभा से पहले ही पारित हो चुका था और अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से यह भारतीय कानून का हिस्सा बन चुका है. इसके तहत भारत में एविएशन क्षेत्र को लेकर नए नियमों का निर्धारण किया गया है जो वैश्विक मानकों के अनुरूप होंगे.
भारतीय वायुयान विधेयक 2024 के लागू होने से भारत सरकार को अब वायुयान निर्माण, डिजाइन, मेंटेनेंस, स्वामित्व, उपयोग, परिचालन, बिक्री, निर्यात और आयात पर पूरी तरह से कानूनी नियंत्रण मिल गया है. 90 साल पुराने कानून से संबंधित अस्पष्टताएं अब खत्म हो गई हैं जिससे एविएशन क्षेत्र में पारदर्शिता और नियंत्रण बढ़ेगा. इस नए विधेयक के लागू होने से सरकार को इस क्षेत्र में रेगुलेशन और कंट्रोल का अधिकार मिल गया है जो पहले कहीं न कहीं अस्पष्ट था.
90 साल पुराने कानून की विदाई
भारत में विमानन क्षेत्र में पिछले कुछ दशकों में बड़े बदलाव आए हैं जिनके चलते पुराने विमान अधिनियम 1934 को अब अप्रचलित माना गया था. ऐसे में भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को लाना आवश्यक हो गया था. इस विधेयक के पास होते ही 21 संशोधनों के साथ जो पुराना विमान अधिनियम था वह पूरी तरह से समाप्त हो गया. अब भारत का एविएशन क्षेत्र नए और बेहतर कानूनों के तहत कार्य करेगा जो दुनिया भर के मानकों के अनुकूल होंगे.
मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी विमान निर्माण की दिशा में बड़ा कदम
भारतीय वायुयान विधेयक 2024 की सबसे बड़ी उम्मीद ये है कि इस कानून के लागू होने से भारत को अपनी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विमानन नीति में मजबूती मिलेगी. भारत अब अमेरिका और फ्रांस की तरह स्वदेशी यात्री विमान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है. यह कदम न केवल आत्मनिर्भर भारत की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि भारत को वैश्विक विमानन बाजार में प्रमुख निर्माता के रूप में स्थापित करने का एक सुनहरा अवसर भी प्रदान करेगा.
अब भारत के पास ये मौका है कि वह यात्री विमान बनाने और उन्हें निर्यात करने में सक्षम बने जिससे भारतीय विमानन क्षेत्र को एक नई पहचान मिल सके. यह विधेयक भारत को अपनी वैश्विक ताकत को सिद्ध करने का अवसर देगा और आने वाले सालों में भारत एक प्रमुख विमान निर्माता और निर्यातक के रूप में उभर सकता है.
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