Ladakh Reservation for ST and women 95 percent quota government jobs and autonomy initiatives announced ann
Ladakh Reservation: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लद्दाख के लोगों के लिए आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया. जानकारी के अनुसार मंत्रालय ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा प्राप्त लद्दाख के निवासियों के लिए सरकारी नौकरियों में 95 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की. इसके अलावा लेह और कारगिल की स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषदों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का भी फैसला किया गया. ऐसे में ये फैसला लद्दाख के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है जो उनके सामाजिक और आर्थिक उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा.
मंत्रालय ने ये भी निर्णय लिया कि लद्दाख के ‘ए’ ग्रेड के सभी पदों को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को भेजा जाएगा. ये विशेष भर्ती केवल लद्दाख के लिए होगी और इन पदों पर एसटी का दर्जा रखने वाले लद्दाख लोगों के लिए 95 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा. सरकार ने इस फैसले को लद्दाख के स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा है क्योंकि इससे उन्हें सरकारी नौकरियों में एक बड़ा अवसर मिलेगा. ‘बी’ ग्रेड के पदों पर भी जल्द फैसला लिया जाएगा.
महिलाओं के लिए खुशखबरी
बैठक में लिया गया एक और महत्वपूर्ण फैसला था लेह और कारगिल की स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषदों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण. इन परिषदों में प्रत्येक में 30 सीटें हैं जिनमें से 26 सीटों पर चुनाव होता है और 4 पार्षदों को नामित किया जाता है. बताया जा रहा है कि आगामी चुनावों में आठ या नौ सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. ये फैसला महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और लद्दाख की महिलाओं के लिए नए अवसर प्रदान करेगा.
गृह मंत्रालय और लद्दाख प्रतिनिधियों की अगगी बैठक कब?
केंद्रीय गृह मंत्रालय और लद्दाख प्रतिनिधियों के बीच अगली बैठक 15 जनवरी 2025 को तय की गई है. इस बैठक में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची जैसी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. हालांकि इस बैठक में केवल उप समिति के सदस्य जैसे कि लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के तीन-तीन सदस्य ही शामिल होंगे. इन मुद्दों पर विचार करना लद्दाख के भविष्य के लिए बेहद जरूरी और इस बैठक का परिणाम राज्य की राजनीतिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालेगा.
क्या लद्दाख को मिलेगा राज्य का दर्जा ?
लद्दाख के लोग लंबे समय से राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की स्थिति की मांग कर रहे हैं।. इन दोनों मुद्दों पर आंदोलन जारी है और लद्दाख के प्रतिनिधि इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसके अलावा लद्दाख के लिए दो संसदीय सीटों की भी मांग की जा रही है जो क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को मजबूती देने का काम करेगी. इस बैठक में इन मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी जो लद्दाख की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति में बदलाव ला सकते हैं.
सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
गृह मंत्रालय की ओर से किए गए ये फैसले लद्दाख के सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं. लद्दाख की ज्यादातर आबादी लद्दाखी मूल की है, लेकिन अरगून समुदाय के लोग भी यहां रहते हैं जो कश्मीर से आए हैं. इस फैसले से लद्दाख के स्थानीय निवासियों को न केवल सरकारी नौकरियों में अवसर मिलेंगे बल्कि सामाजिक रूप से भी उन्हें पहचान मिलेगी.