इंडिया गठबंधन में दिखने लगी दरार! खरगे की मीटिंग से TMC का किनारा, कांग्रेस के एजेंडे पर नहीं एकमत
Parliament Winter Session: लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने के इरादे से बनाए गए INDIA गठबंधन में बिखराव देखने को मिल रहा है. संसद के शीतकालीन सत्र के लिए कई मुद्दों को लेकर विपक्षी गठबंधन में आपसी सहमति नहीं बन पा रही है. एक तरफ जहां कांग्रेस चाहती है कि गौतम अडानी और ईवीएम के मुद्दे को सदन में उठाया जाए तो वहीं कई दल चाहते हैं कि ऐसे मुद्दों को सदन में उछाला जाए, जिसका जनता से सीधा सरोकार हो.
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) ब्लॉक की बैठक बुलाई, जिसमें साफ तौर पर राहुल गांधी कमान संभाल रहे थे और उन्होंने योजना की रूपरेखा बताई. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बैठक में उपस्थित लोगों से कहा कि “क्रोनी कैपिटलिज्म और ईवीएम लोगों के मुद्दे हैं.”
टीएमसी ने बैठक से किया किनारा
सूत्रों ने कहा, “जब केवल कॉरपोरेट को लाभ होता है और चुनावी प्रक्रिया में खामियां हैं और विकल्पों को नकार दिया जाता है, तो यह लोगों का मुद्दा कैसे नहीं हो सकता है.” इस बैठक में इंडिया ब्लॉक के संस्थापक सदस्य तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने हिस्सा ही नहीं लिया. तीसरी बार बैठक में भाग न लेने वाली पार्टी ने कहा, “हम स्पष्ट हैं कि हम लोगों के मुद्दों पर मोदी सरकार से भिड़ना चाहते हैं.”
टीएमसी के मुताबिक, क्रोनी कैपिटलिज्म और ईवीएम जैसे मुद्दे लोगों को पसंद नहीं आते. पार्टी ने सवाल करते हुए कहा, “उन इलाकों को देखिए जहां राहुल गांधी ने प्रचार किया है. अगर उन्होंने जो कहा वह लोगों के लिए मायने रखता तो कांग्रेस क्यों हारी?”
सपा और आम आदमी पार्टी ने भी दिया टीएमसी का साथ?
वहीं, टीएमसी, समाजवादी पार्टी (एसपी) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे सहयोगी दल कांग्रेस के ईवीएम और क्रोनी कैपिटलिज्म के प्रति “जुनून” को लेकर उत्साहित नहीं हैं. जबकि कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो’ की तर्ज पर ‘ईवीएम जगाओ यात्रा’ की योजना बनाई है और इंडिया ब्लॉक पार्टियों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, उनमें से अधिकांश ने बहुत कम रुचि दिखाई है. कुछ लोगों ने यह भी पूछा कि क्या यह यात्रा उन राज्यों से होकर गुजरेगी जहां कांग्रेस ने चुनाव जीता है.
किन मुद्दों पर चर्चा चाहती है टीएमसी?
टीएमसी का साफ कहना है कि उनकी पार्टी के सांसद जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर मोदी सरकार से भिड़ना चाहते हैं जिनमें- महंगाई, बेरोजगारी, किसान, उर्वरक और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दे शामिल हैं. इसके साथ ही सपा चाहती है कि इन मुद्दों के साथ-साथ संभल हिंसा को भी जोड़ दिया जाए. सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा भी कि हमारे लिए अडानी से बड़ा मुद्दा किसान हैं और संभल हिंसा है.
INDIA ब्लॉक में विभाजन के पीछे असली राजनीति भी छिपी है. उदाहरण के लिए, दिल्ली में यह स्पष्ट है कि आप और कांग्रेस सहयोगी नहीं होंगे. बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस कभी एक दूसरे से सहमत नहीं हो सकते. यूपी में अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस खत्म हो चुकी है.
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