सोशल मीडिया, EVM पर ठीकरा फोड़ना फेक प्रोपेगैंडा, हार के बाद सामने आई कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में MVA की हार पर पार्टियों की अंदरूनी लड़ाई खुलकर सामने आई. पार्टी की अंदरूनी कलह, गुटबाज़ी सामने आने लगी है. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कई नेताओं को पार्टी विरोधी काम करने के लिए कारण बताओ नोटिस ज़ारी किया है.
मुंबई के चांदीवली विधानसभा अन्तर्गत कांग्रेस के उम्मीदवार और कार्यकारी अध्यक्ष नसीम ख़ान की शिकायत पर पूर्व NSUI अध्यक्ष सुरज सिंह ठाकुर और यूथ कांग्रेस नेता चंद्रेश दुबे को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है. चौंकाने वाली बात ये है कि कारण बताओ नोटिस चुनाव से एक महीने पहले 24 अक्टूबर को ज़ारी किया गया लेकिन इन नेताओं की इस नोटिस की सूचना अख़बारों के माध्यम से लगी. इस पत्र में लिखा गया है कि विधानसभा चुनाव में नसीम ख़ान के विरोध में काम करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है.
सूरज सिंह ठाकुर का जवाब
सूरज सिंह ठाकुर ने 4 पन्नों का जवाब कांग्रेस कमेटी को सौंपा है. सूरज सिंह ठाकुर ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर लिखा है कि वो उम्मीदवार नसीम ख़ान प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकर्ता नहीं बल्कि पार्टी और राहुल गांधी के कार्यकर्ता हैं.
सूरज सिंह ठाकुर ने पत्र में आरोप लगाया कि नसीम ख़ान ने ख़ुद लोकसभा चुनाव में वर्षा गायकवाड़ और उसके पहले प्रिया दत्त का विरोध किया था. पत्र में आरोप लगाया कि नसीम ख़ान ने 20 साल (1999-2019) विधायक रहते हुए एक कांग्रेस का नगरसेवक चुनकर नहीं लाए. सूरज ठाकुर का आरोप है कि वो कांग्रेस के टिकट पर इच्छुक उम्मीदवार थे इसलिए नसीम ख़ान ने साज़िश के तहत पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगाया.
चंद्रेश दुबे ने बोले- अपनी करतूतों से हारे नेता, EVM से नहीं
कांग्रेस नेता चंद्रेश दुबे ने कहा कि नसीम ख़ान ने पार्टी में कोई कैडर और कार्यकर्ता की आगे बढ़ने नहीं दिया. अपनी ख़ामियों और ग़लतियों से चुनाव हारे हैं. EVM पर ठीकरा फोड़ना फेक प्रोपेगैंडा है, जहां चुनाव जीते वहां EVM कैसे ठीक था? झारखंड विधानसभा, वायनाड और नांदेड लोकसभा उपचुनाव कैसे जीते? कुछ पार्टी नेताओं ने पार्टी को निज़ी जागीर बनाया इसलिए हार हुई. महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेताओं का कहना है कि चुनाव में कई उम्मीदवारों ने अपने अपने क्षेत्र में पार्टी विरोधी काम करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं की शिकायत की थी. पार्टी बैठक में तय फ़ैसले के अनुसार उन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.