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Parliamentary Committee Probes Waqf Properties States Asked to Clarify Sachar Report Findings


JPC seeks details of Waqf properties: संसदीय समिति वक्फ (संशोधन) विधेयक पर गंभीरता से विचार कर रही है और इस सिलसिले में कई राज्य सरकारों से उन वक्फ संपत्तियों की सत्यता और अपडेट की हुई जानकारी मांगी है, जिन पर सच्चर समिति के अनुसार अनधिकृत कब्जा किया गया है. यह समिति वक्फ अधिनियम की धारा 40 के तहत वक्फ बोर्डों की ओर से दावा की गई संपत्तियों के ब्योरे की भी मांग रही है. लोकसभा ने इस समिति के कार्यकाल को अगले बजट सत्र के अंतिम दिन तक बढ़ाने की मंजूरी दी है.

संसदीय समिति ने सच्चर समिति की रिपोर्ट के उन बिंदुओं पर अपडेट की हुई जानकारी मांगी है, जिनमें कथित तौर पर वक्फ संपत्तियों पर राज्य सरकारों या उनकी एजेंसियों के कब्जे की बात कही गई थी. 2005-06 के दौरान सच्चर समिति को कई राज्य वक्फ बोर्डों की ओर से अनधिकृत कब्जे की शिकायतें मिली थीं. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के जरिए यह समिति राज्यों से जानकारी इकट्ठा कर रही है.

वक्फ अधिनियम की धारा 40, जिसे 2013 में संशोधित किया गया था, इस पूरे मामले में एक अहम मुद्दा बनी हुई है. यह धारा वक्फ बोर्डों को यह तय करने का हक देती है कि कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं. प्रस्तावित संशोधन इस अधिकार को सीमित करने की कोशिश कर रहा है, जिससे यह मसला और संवेदनशील हो गया है.

छह राज्यों से मांगी गई अद्यतन जानकारी

भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली इस समिति ने पाया कि 2005-06 में सच्चर समिति को दी गई रिपोर्ट में दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में अनधिकृत कब्जे वाली वक्फ संपत्तियों की जानकारी दी गई थी. समिति ने इन राज्यों से मौजूदा स्थिति की अपडेट की हुई जानकारी मांगी है. बाकी राज्यों से भी इसी तरह की जानकारी हासिल की जा रही है.

वक्फ संपत्तियों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट

संसदीय समिति ने संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से यह कहा गया है कि वे सच्चर समिति की रिपोर्ट में जिक्र की गई जानकारी की सत्यता की जांच कर विस्तृत ब्योरा पेश करें. 2005 में मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए तत्कालीन संप्रग सरकार ने सच्चर समिति का गठन किया था. 28 नवंबर को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही इस समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मंजूरी दी गई थी.

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