Waqf Amendment Bill: Aparajita Sarangi tells waqf Report will be presented in Budget session last date of 2025 attack opposition over walkin out
Waqf Amendment Bill: भुवनेश्वर से भाजपा सांसद और वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि जेपीसी के अध्यक्ष ने रिपोर्ट पेश करने की तारीख को 2025 में बजट सत्र की आखिरी तारीख तक बढ़ाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि हर बार जेपीसी वक्फ संशोधन विधेयक पर बैठक करती है और विपक्षी नेता हंगामा करते हैं.
अपराजिता सारंगी ने कहा कि वे किसी भी तरह के तर्क या बहस से भागते हैं. सरकार के पास हर तरह के संशोधन के लिए एक कारण होता है. विपक्षी नेता केवल प्रस्तुति की तारीख में विस्तार चाहते थे. उन्होंने कहा कि जब भी वक्फ संशोधन बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बैठती है और विपक्ष के नेता हंगामा करते हैं, शोर शराबा करते हैं. सरकार ने जो 44 संशोधन का प्रस्ताव रखा है. इस पर किसी भी तरह की रचनात्मक आलोचना से भागते हैं और जहां तक सरकार का सवाल है, सरकार हर एक प्रस्तावित संशोधन के भविष्य में कारण से खड़ी है.
बैठक में विपक्ष ने तीन बार किया वॉकआउट
सारंगी ने कहा, “मिनिस्ट्री ऑफ माइनॉरिटी अफेयर्स ऐसा बिल किसी कारण से उपस्थापित किया है, लेकिन यह लोग भागते हैं. पिछली बार जब हंगामा हुआ तो विपक्षी नेता वॉकआउट कर गए. एक बार नहीं दो बार नहीं तीन बार उन्होंने वॉकआउट किया. उसके बाद हम जैसे लोग, जो रूलिंग पार्टी के सदस्य हैं, उनको वापस लेकर आए, लेकिन उनका बस एक ही मकसद था कि इसकी डेट बढ़ाई जाए. इसके बाद काफी देर तक आलोचना हुई, काफी देर तक विवाद हुआ और जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट की पेशकश की तारीख को 2025 में बजट सत्र की आखिरी तारीख तक बढ़ाने का निर्णय लिया.
महाराष्ट्र सरकार ने भी वापस लिया फैसला
वक्फ संशोधन विधेयक-2024 के खिलाफ कई दिनों से सियासत तेज है. विपक्ष की ओर से लगातार इस बात पर जोर दिया जा रहा था कि मौजूदा कानून को बनाए रखा जाए. इसी बीत महाराष्ट्र सरकार ने वक्फ बोर्ट को 10 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश वापस ले लिया है. महाराष्ट्र बीजेपी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जानकारी दी कि पहले आदेश को रद्द कर दिया गया है.
एक्स पर पोस्ट करते हुए महाराष्ट्र बीजेपी ने लिखा, ”वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर प्रशासन ने जीआर रद्द कर दिया है. बीजेपी-महायुति सरकार की ओर से महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को तुरंत 10 करोड़ का फंड दिए जाने की फर्जी खबर फैल रही है. प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों की ओर से आपसी सहमति से यह गलत निर्णय लिया गया, लेकिन बीजेपी नेताओं के कड़े विरोध के बाद अब इस फैसले को रद्द कर दिया गया है. बीजेपी इस बात पर अड़ी है कि वक्फ बोर्ड का संविधान में कोई स्थान नहीं है और वह इसे जारी रखेगी.”
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