कैंसर के इलाज के लिए पीएम मोदी सरकार ने शुरू की है यह योजना, कितने अस्पताल कर रहे हैं इलाज
नई दिल्ली:
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कैंसर के इलाज की तरफ खासा ध्यान दे रही है. इसके लिए उसने टर्शीएरी कैंसर केयर सेंटर फैसिलिटी स्कीम की शुरुआत की है. इसका मकसद कैंसर के इलाज की सुविधाएं बढ़ाना है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने 19 स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट (एससीआई) और 20 टर्शीएरी कैंसर केयर सेंटर (टीसीसीसी) के स्थापना को मंजूरी दी है. इनमें से 14 एससीआई और 18 टीसीसीसी में कामकाज शुरू हो गया है. इसकी जानकारी सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में दी.
देश में कैंसर के इलाज की सुविधाएं
झारखंड के हजारीबाग से बीजेपी के सांसद मनीष जायसवाल ने देश में कैंसर के इलाज के लिए बनाए जा रहे अस्पतालों की जानकारी मांगी थी. इसके साथ ही उन्होंने पूछा था कि झारखंड में कैंसर अस्पताल की स्थापना के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. उन्होंने यह भी जानना चाहा था कि झारखंड की महिलाओं में बढ़ रहे ब्रेस्ट कैंसर के मामलों की रोकथाम के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. उनके इन सवालों के जवाब स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने दिए.
सरकार की ओर से दिए गए जवाब के मुताबिक कैंसर के इलाज के लिए हरियाणा के झज्जर में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई है. सरकार की ओर से पेश जवाब के मुताबिक कोलकाता के चितरंज नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के एक दूसरे कैंपस का भी निर्माण कराया गया है. नड्डा की ओर से दिए गए जवाब के मुताबिक इन दोनों अस्पतालों में कैंसर के इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं.
झारखंड में कैंसर का इलाज कहां कहां होता है
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया है कि झारखंड के रांची में स्थिति राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को टर्शीएरी कैंसर केयर सेंटर फैसिलिटी स्कीम के तहत मंजूरी दी गई है. इस पर 51 करोड़ का खर्च आएगा. इसमें में 30.6 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी. उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार ने बताया है कि राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भी कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध है. केंद्र सरकार ने बताया है कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत झारखंड के देवघर में बने ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में कैंसर का विभाग का कर रहा है. इसमें मरीजों को भर्ती करने की भी सुविधा उपलब्ध है. केंद्र सरकार ने बताया है कि झारखंड में इस साल 23 नवंबर तक 30 साल और उससे ऊपर की 17 लाख 29 हजार सौ महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की जांच की जा चुकी है.
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