manipur violence Centre will provide additional 90 companies of the Central Armed Police Force CAPF
Manipur violence: मणिपुर में पिछले साल मई से अब तक जातीय हिंसा में 258 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सिंह ने बताया कि “आज, हमने एक सुरक्षा समीक्षा बैठक की और इस बैठक में, हमने सभी जिलों और इंफाल शहर की सुरक्षा की समीक्षा की. बैठक के दौरान सेना, पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद थे. राज्य में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की लगभग 90 कंपनियां तैनात की जाएंगी, जो मणिपुर में पहले से मौजूद 198 कंपनियों के अतिरिक्त होंगी.
सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद पीसी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस हिंसा में अब तक आतंकवादियों सहित कुल 258 लोगों की जान जा चुकी है.’’ सुरक्षा सलाहकार ने बताया कि मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों में तोड़फोड़ और आगजनी के सिलसिले में 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि करीब 3,000 लूटे गए हथियार बरामद किए गए है.
सीएम बीरेन सिंह बोले- ‘कार्रवाई शुरू हो चुकी है’
इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि 16 नवंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान मंत्रियों और विधायकों की संपत्ति लूटने में शामिल संदिग्धों की पहचान कर ली गई है और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पीटीआई ने एन बीरेन सिंह के हवाले से कहा कि “लोकतांत्रिक आंदोलन के नाम पर, कुछ गिरोहों ने मंत्रियों और विधायकों के आवासों को लूट लिया और जला दिया. सीसीटीवी के माध्यम से संदिग्धों की पहचान कर ली गई है और उचित कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. मुझे सार्वजनिक रूप से यह कहने में शर्म आती है कि मणिपुर में ऐसी चीजें हो रही हैं.
जयराम रमेश ने पीएम मोदी से किया सवाल
वहीं कांग्रेस ने शुक्रवार (22 नवंबर) को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा गया पत्र झूठ से भरा हुआ है. यह मणिपुर के विषय से ध्यान भटकाने की कोशिश है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य का दौरा कब करेंगे और गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में अपनी ‘घोर विफलताओं’ की जिम्मेदारी कब लेंगे?
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