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ISRO Chief Somnath says if India can have Rocket sensor then it can develop Car sensor too SpaceX


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बुधवार (20 नवंबर, 2024) को कहा कि कार सेंसर के लिए आयात पर निर्भर रहने के बजाय घरेलू स्तर पर इसका विनिर्माण किया जाना चाहिए.

सोमनाथ ने बेंगलुरु प्रौद्योगिकी सम्मेलन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं रक्षा विषय पर आयोजित सत्र में किफायती उत्पादन के महत्व पर जोर दिया. इस दौरान कर्नाटक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नीति का मसौदा भी जारी किया गया.

उन्होंने कहा कि यद्यपि भारत रॉकेट सेंसर के उत्पादन में महत्वपूर्ण निवेश करता है, लेकिन कार सेंसर की उच्च उत्पादन लागत के कारण घरेलू विनिर्माण कम व्यवहार्य हो जाता है. सोमनाथ ने कहा, ‘कार सेंसर के लिए व्यवहार्यता तभी प्राप्त की जा सकती है जब उत्पादन लागत कम हो और विनिर्माण का स्तर बढ़ाया जाए.’

उन्होंने इस चुनौती से निपटने के लिए उद्योग जगत के साथ अधिक सहयोग का आह्वान किया और कहा कि शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत नीतिगत हस्तक्षेप से समाधान मिल सकता है. सोमनाथ ने निजी क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए 2020 के अंतरिक्ष क्षेत्र सुधारों और 2023 की अंतरिक्ष नीति की प्रशंसा की.

उन्होंने कहा, ‘इस क्षेत्र में बहुत रुचि ली जा रही है. मैंने सुना है कि कई लोग भारत में अगला स्पेसएक्स बनाने की इच्छा रखते हैं.’ संबंधित प्रगति पर प्रकाश डालते हुए सोमनाथ ने बताया कि वर्तमान में पांच कंपनियां उपग्रहों का निर्माण कर रही हैं और कई कंपनी रॉकेट और उपग्रहों के लिए उप-प्रणालियां विकसित करने की अपनी क्षमता बढ़ा रही हैं.

इस सत्र में अन्य महत्वपूर्ण वक्ताओं में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के महानिदेशक बी के दास और अमेरिका की उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ऐनी न्यूबर्गर भी शामिल थीं. कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियंक खरगे और इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव एकरूप कौर भी कार्यक्रम में उपस्थित थीं. प्रियंक खरगे ने कहा कि मसौदा नीति में कर्नाटक को राष्ट्रीय अंतरिक्ष बाजार में 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की परिकल्पना की गई है.

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