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Vinod Tawde Latest News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान से ठीक एक दिन पहले कैश कांड ने प्रदेश में सियासी खबलबली मचा दी है. महाराष्ट्र में हर तरफ इसी की चर्चा है. लेकिन इस कैश कांड में विनोद तावड़े का ही नाम क्यों आया इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, बहुजन विकास अघाड़ी के प्रमुख हितेंद्र ठाकुर ने दावा किया है होटल में पैसे बांटे जाने की जानकारी बीजेपी के नेता ही उन्हें मिली थी.
वहीं महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में इस बात की कानाफूसी शुरू हो गई है कि इस कांड के पीछे कोई अपना ही स्क्रिप्ट राइटर तो नहीं है. ये सवाल यूं ही नहीं उठाए जा रहे हैं. ये सवाल शिवसेना यूबीटी के नेताओं के बयान से उठ रहा है. क्योंकि उद्धव ठाकरे के इसे बीजेपी की गुटबाजी बता रहे हैं. वहीं संजय राउत का सवाल ये है कि इस कैश कांड में विनोद तावड़े ही क्यों. राउत ने ये भी कहा कि इस पूरे मामले पर देवेंद्र फडणवीस को सामने आकर जवाब देना चाहिए. अब यहां एक सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर इन सबके बीच फडणवीस कहां से आ गए तो इसे समझने के लिए 10 साल पीछे जाना होगा.
10 साल पहले क्या हुआ था ऐसा?
दरअसल, देवेंद्र फडणवीस साल 2014 में पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे. फडणवीस की उस सरकार में विनोद तावड़े भी मंत्री बने थे. महाराष्ट्र की राजनीति को समझने वाले ये कहते हैं कि तावड़े की इच्छा प्रदेश का गृह मंत्री बनने की थी लेकिन शिक्षा मंत्री से उन्हें संतोष करना पड़ा. उस समय बीजेपी के प्रदेश स्तर पर जो भी चर्चित चेहरे थे वो सरकार में भले ही शामिल हुए लेकिन उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली थी.
इसलिए उठ रहे सवाल
महाराष्ट्र की सियासी नब्ज को समझने वाले मानते हैं कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि देवेंद्र फडणवीस अपने रास्ते में ऐसा कोई रोड़ा नहीं चाहते थे जिससे भविष्य में उनकी सियासत को उससे खतरा पैदा हो. साल 2019 में जब महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनी तब विनोद तावड़े का कद बढ़ाया गया और उन्हें प्रदेश की राजनीति से निकालकर राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय किया गया.
माना गया कि देवेंद्र फडणवीस की सियासत को बैलेंस करने के लिए नेतृत्व ने विनोद तावड़े को पहले राष्ट्रीय सचिव बनाया फिर राष्ट्रीय महासचिव बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी गई. हाल के दिनों में विनोद तावड़े की चर्चा बड़े पद के लिए होने लगी थी. दबी जुबान में उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए छुपा रुस्तम समझा जा रहा था. यहां ये जानना भी जरूरी है कि विनोद तावड़े मराठा समुदाय से आते हैं और बीजेपी में इकलौते सबसे बड़े मराठा नेता हैं. इस बीच ये खेल हो गया और इसीलिए ये सवाल उठ रहे हैं कि कैश कांड संयोग है या साजिश?
‘बीजेपी नेता से ही मिली पैसे बंटने की जानकारी’
यहां एक और अहम बात ये है कि एबीपी न्यूज से बातचीत में बहुजन विकास अघाड़ी के प्रमुख हितेंद्र ठाकुर ने दावा किया है कि होटल में पैसे बांटे जा रहे हैं इसकी जानकारी उन्हें बीजेपी के नेता से मिली थी. अगर ये दावा सच है तो सवाल ये कि वो नेता कौन हैं और उस नेता का मकसद क्या है.
देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?
हालांकि इस पर देवेंद्र फडणवीस का बयान भी सामने आ चुका है. उन्होंने विनोद तावड़े पर लगे आरोप को बेबुनियाद बताया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि महाविकास अघाड़ी को चुनाव में हार दिख रही है इसलिए वे ऐसे आरोप लगा रहे हैं.
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