Sports

दिल्ली ने देखा दूसरा सबसे ‘दमघोंटू’ दिन, आज भी AQI 500 पर, आखिर कब मिलेगी राहत



नई दिल्ली:

देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा (Delhi Air Pollution) में घुलता जहर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. शहर की हवा किस कदर प्रदूषित हो चुकी है इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि लगातार पिछले 7 दिनों से दिल्ली में एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. आज सुबह भी दिल्ली का औसत तापमान 495 दर्ज किया गया. जो कि जो इस मौसम में एक्यूआई का सबसे खराब स्तर है. वहीं दिल्ली के आनंद विहार समेत कई इलाकों में एक्यूआई 500 पर पहुंचा हुआ है. दिल्ली की दमघोंटू हवा का लोगों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है.

Latest and Breaking News on NDTV

एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री

दिल्ली में लगातार वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ने के साथ ही एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री भी बढ़ चुकी है.  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया था और एक्यूआई 484 दर्ज किया गया. जो कि आज से पहले इस मौसम का सबसे खराब स्तर है. बढ़ते प्रदूषण में दिल्लीवासियों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, जिससे एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग बढ़ गई है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है और एक्सपर्ट की सलाह के आधार पर वाहनों की ऑड-ईवन योजना लागू करने समेत सभी जरूरी कदम उठाएगी.

खराब श्रेणी में दिल्ली का AQI

दिल्ली के इलाकों के नाम AQI@ 6.00 AM कौन सा जहर कितना औसत
आनंद विहार 500 PM 2.5 का लेवल हाई 500
मुंडका 500 PM 2.5 का लेवल हाई 500
वजीरपुर 500 PM 2.5 का लेवल हाई 500
जहांगीरपुरी 500 PM 2.5 का लेवल हाई 500
आर के पुरम 494 PM 2.5 का लेवल हाई 494
ओखला  499 PM 2.5 का लेवल हाई 499
बवाना 500 PM 2.5 का लेवल हाई 500
विवेक विहार 500 PM 2.5 का लेवल हाई 500
नरेला 491 PM 2.5 का लेवल हाई 491

प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. अदालत ने इस दौरान पॉल्यूशन में कमी लाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी राज्यों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी GRAP-4 के तहत पांबदियां लगाने के लिए तुरंत टीमें बनाने का निर्देश दिया है. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. अदालत ने कहा, “हम यहां स्पष्ट कर दे रहे हैं कि आप हमारी इजाजत के बगैर स्टेज 4 से नीचे नहीं आएंगे. भले ही AQI 300 से नीचे ही क्यों ना आ जाए.”

Latest and Breaking News on NDTV

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद 10वीं और 12वीं क्लास को छोड़कर अन्य सभी के लिए फिजिकल क्लास निलंबित करने का फैसला किया है जिसे लेकर स्टूडेंस सहित उनके घरवालों की चिंता बढ़ गई है. ऑनलाइन क्लास चलाने का आदेश का उद्देश्य छोटे बच्चों को खतरनाक जहरीली हवा से बचाना बताया गया है. लेकिन इसने अभिभावकों, स्कूल मैनजमेंट और स्टूडेंट्स के बीच चिंताएं भी पैदा कर दी हैं. हालांकि दसवीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े स्टूडेंट्स के लिए स्कूल खुले रखे गए थे. लेकिन अब मुख्यमंत्री ने 10वीं और 12वीं की क्लास भी ऑनलाइन कक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है.

दिल्ली में कड़ी पाबंदियां लागू

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 18 नवंबर 2024 की सुबह 8 बजे से दिल्ली-NCR में बदले हुआ ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे फेज को लागू कर दिया है. जिसके तहत दिल्ली में पहले से कड़ी पाबंदियां लागू हो गई है. दिल्ली सीएम आतिशी ने बढ़ते प्रदूषण को मेडिकल इमरजेंसी बताया है. उन्होंने कहा कि BJP शासित राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली की हवा प्रदूषित हो रही है.

Latest and Breaking News on NDTV

डीयू और जेएनयू में भी ऑनलाइन क्लास

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने 23 नवंबर तक और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने 22 नवंबर तक ऑनलाइन क्लास चलाने का ऐलान किया. यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब दिल्ली और एनसीआर में एक्यूआई खतरनाक रूप से उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. डीयू ने बताया कि फिजिकल क्लास 25 नवंबर से नियमित रूप से शुरू होंगी. वहीं जेएनयू ने एक बयान में कहा कि 22 नवंबर तक विश्वविद्यालय की सभी क्लास ऑनलाइन जारी रहेंगी.

दिल्ली में सरकार की लोगों को सलाह

दिल्ली सरकार ने बच्चों, बुजुर्गों, सांस के रोगियों, दिल के मरीजों और पुरानी बीमारियों से पीड़ितों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है. जाहिर सी बात है कि जैसे-जैसे शहर की आबोहवा में प्रदूषण बढ़ता है, उसका लोगों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. एनसीआर राज्य सरकारें चाहे तो सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दे सकती हैं. सभी तरह के कंस्ट्रक्शन के काम बंद रहेंगे. कूड़ा जलाने पर सख्त पाबंदी है.




Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *