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NCLT Quashes Appeals Of Go First Plane Leash Lenders


गो फर्स्ट मामले में एनसीएलटी ने विमान पट्टे पर देने वालों की याचिकाएं खारिज की

गो फर्स्ट एयरलाइंस

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने गो फर्स्ट को विमान पट्टे पर देने वाले कंपनियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया. याचिकाओं में गो फर्स्ट को दिए गए विमानों को वापस लेने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था. एनसीएलटी ने कहा कि विमान परिचालन फिर से शुरू करने के लिए उपलब्ध है क्योंकि विमानन प्राधिकरण डीजीसीए ने उनका पंजीकरण रद्द नहीं किया है.

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न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि विमानों/इंजनों का स्वामित्व निर्विवाद रूप से गो फर्स्ट के पास रहेगा और पट्टादाता कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के दौरान विमानों को अधिकार में लेने का दावा नहीं कर सकते.

एनसीएलटी के अनुसार, विमान और उसके इंजन गो फर्स्ट के व्यवसाय का महत्वपूर्ण घटक हैं और यदि उन्हें हटा दिया गया, तो इसके परिणामस्वरूप कंपनी के रूप में एयरलाइन ‘खत्म’ हो जाएगी और इसके समाधान के लिए कोई गुंजाइश नहीं बचेगी.

न्यायाधिकरण ने पट्टे पर दिए गए हवाई जहाजों और इंजनों के निरीक्षण के लिए पट्टादाताओं की याचिका को भी अस्वीकार कर दिया और दोहराया कि उन्हें दक्षता/सुरक्षा के उच्चतम स्तर पर बनाए रखना समाधान पेशेवर की जिम्मेदारी है.

विमान और इंजन पट्टे पर देने वाली जिन कंपनियों ने याचिका दायर की थी, उनमें ब्ल्यूस्काई 31 लीजिंग कंपनी, ब्ल्यूस्काई 19 लीजिंग कंपनी, जैक्सन स्क्वायर एविएशन आयरलैंड, एसएमबीसी एयरो इंजन लीज और इंजन लीज फाइनेंस हैं.

गो फर्स्ट ने तीन मई से उड़ान सेवा बंद की हुई है.

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