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नदी में बरामद हुई अगवा किए गए दो साल के बच्चे और उसकी दादी की सिर कटी लाश


Manipur Violence: मणिपुर के जिरीबाम जिले में मैतेई समुदाय के राहत शिविर में रहने वाले लैशाराम हीरोजीत के परिवार को मार दिया गया है. उनके दो बच्चे, पत्नी, सास, पत्नी की बहन और उसका बेटा मर चुके हैं, उन्हें संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सोमवार को असम की सीमा से लगे शहर से बंधक बना लिया था. 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने आज रविवार (17 नवंबर) को बताया कि हीरोजित की 60 साल की सास और उनके ढाई साल बेटे के आंशिक रूप से सड़े हुए शव जिरीबाम के निकट एक नदी में तैरते हुए पाए गए. हीरोजीत के बेटे का सिर कटा शव नदी में तैरती हुई कुछ टूटी हुई पेड़ की शाखाओं के बीच फंसा हुआ मिला. चश्मदीदों ने बताया कि लड़के के शरीर से हाथ गायब थे. लड़के की दादी का अर्धनग्न शव नदी में मुंह के बल तैरता हुआ पाया गया.

बंदूक की नोक पर बनाया था बंधक 

राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 220 किलोमीटर दूर जिरीबाम के बोरोबेक्रा में उग्रवादियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बीच मुठभेड़ के दौरान सोमवार को बच्चे एल चिंगहेइंगंबा और उसकी दादी वाई रानी देवी को परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया गया था. 

असम के सिलचर में शुक्रवार शाम 7.30 बजे एक अस्पताल के मुर्दाघर में तीन शव लाए गए. वे हीरोजीत के आठ महीने के बच्चे, उनकी पत्नी की बहन और उनकी आठ साल की बेटी थे. हीरोजीत की पत्नी का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है, हालांकि सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि सभी छह की मौत हो चुकी है. 

खबर मिलने के बाद इंफाल में भड़की हिंसा

शनिवार (16 नवंबर) की सुबह इस त्रासदी की खबर आने के तुरंत बाद, राज्य की राजधानी इंफाल में हिंसा भड़क उठी, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ बीजेपी के विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के सरकारी बंगले पर धावा बोलने की कोशिश की.

प्रदर्शनकारी इस बात पर नाराज हैं कि बचाव अभियान शुरू करने में सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई और सभी बंधकों के मृत पाए जाने की घोषणा होने से पहले अधिकारियों की ओर से कोई संवाद नहीं किया गया. 

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