Jharkhand Assembly Election 2024 Sanjay Singh AAP Attack On BJP Bangladeshi infiltrators
Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार अभियान जोर-शोर से जारी है. इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठिए के मुद्दे को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरा
संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, ”बीजेपी वालों तुमने झारखंड के साथ ग़द्दारी की है. झारखंड की बिजली अडानी के जरिए बांग्लादेश को दी. पहले बांग्लादेश में अडानी का धंधा बंद कराओ. अमित शाह जी क्या 10 साल से भारत में ट्रम्प की सरकार चल रही है अगर आपने 10 साल में 10 बांग्लादेशी घुसपैठिया भगाया है तो नाम बताओ.”
केंद्र की सुरक्षा है तो घुसपैठिया कहां से आ गए- संजय सिंह
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ”ये कह रहे हैं बाग्लादेश से घुसपैठिए आ गए हैं. घुसपैठिया कहां से आ गए? बाग्लादेश की सीमा असम, त्रिपुरा से लगता है. वहां किसकी सुरक्षा है? वहां पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जी की सुरक्षा है. 10 साल के अंदर कितने बांग्लादेशी हिंदुस्तान के अंदर आए, इसका आंकड़ा और हिसाब पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से लेना चाहिए.”
कितने बांग्लादेशी घुसपैठिए हिंदुस्तान से भगाए गए- संजय सिंह
संजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा, ”कितने बांग्लादेशी घुसपैठिए हिंदुस्तान से भगाए गए, इसका भी हिसाब नरेंद्र मोदी, अमित शाह और बीजेपी से लेना चाहिए. इसके लिए देश की कोई भी सरकार जिम्मेदार नहीं है. अगर कोई विदेशी नागरिक भारत की धरती पर अवैध रूप से घुसपैठ करता है तो उसको कोई अगर भगा सकता है तो सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी और केंद्र की सरकार भगा सकती है.
आम आदमी पार्टी के नेता ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए आगे कहा, ”आप सिर्फ हमें मूर्ख बनाते हो, उन्माद फैलाते हो. सरकार तुम्हारी है, बॉर्डर आपकी सुरक्षा में है तो घुसपैठिए कैसे आ गए. हिंदुस्तान के चुनाव में आपको पाकिस्तान और बांग्लादेश याद आता है.
अमित शाह ने घुसपैठिए के मुद्दे पर जेएमएम को घेरा
झारखंड के मधुपुर रैली में अमित शाह ने कहा कि घुसपैठियों ने न केवल आदिवासियों का, बल्कि झारखंड के युवाओं का रोजगार छीन लिया है और अपराध को अंजाम देकर उनके लिए खतरा भी पैदा कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि हाई कोर्ट ने घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें निर्वासित करने का निर्देश दिया था, केंद्र इस पर काम करने के लिए सहमत था, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार तैयार नहीं हुई.
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