News

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने बनाए नियम, पालन न करने वाले अधिकारियों से वसूला जाएगा हर्जाना



<div dir="ltr">
<div class="gmail_quote">
<div dir="ltr">
<div class="gmail_quote">
<div class="gmail_quote">
<blockquote class="gmail_quote">
<div dir="auto">
<div dir="auto" style="text-align: justify;">"अपना घर हो, अपना आंगन हो,</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">इस ख्वाब में हर कोई जीता है।</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">इंसान के दिल की ये चाहत है,</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">कि एक घर का सपना कभी न छूटे"</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">बुलडोजर एक्शन पर अपने ऐतिहासिक फैसले की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट ने कवि प्रदीप की इस कविता से की. जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि सर पर छत होना संविधान के तहत हर नागरिक को मिले जीवन के मौलिक अधिकार का एक हिस्सा है. सरकार या प्रशासन को यह अधिकार नहीं कि वह बिना उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए किसी का मकान गिरा दे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि इन निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारियों को संपत्ति के नुकसान का हर्जाना व्यक्तिगत रूप से देना होगा.</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">2022 में दिल्ली के जहांगीरपुरी में रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद नगर निगम ने बुलडोजर कार्रवाई शुरू की थी. इसके खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिन्द कोर्ट पहुंचा था. बाद में जमीयत ने यूपी समेत कई राज्यों में चल रहे बुलडोजर एक्शन को चुनौती दी. जमीयत ने कहा कि बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के यह बुलडोजर चलाए जा रहे हैं. इसमें मंशा अवैध निर्माण हटाने से अधिक लोगों को सबक सिखाने की होती है. बाद में सुप्रीम कोर्ट में कई और याचिकाएं दाखिल हुईं जिन पर अब फैसला आया है.</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति पर अपराध का आरोप लगना उसका मकान गिराने का आधार नहीं हो सकता. अपराध की सजा देना कोर्ट का काम है. प्रशासन जज बन कर किसी की सजा नहीं तय कर सकता. एक मकान में कई लोग रहते हैं. उनमें से किसी एक की गलती की सजा सबको देना वैसे भी सही नहीं कहा जा सकता.</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई से पहले उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए मकान मालिक को नोटिस भेज कर जवाब का मौका देने की बात कही है. कोर्ट ने कहा है :-</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto">
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* बुलडोजर एक्शन में म्युनिसिपल नियमों का पालन हो</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* नियमों के मुताबिक मकान मालिक को नोटिस जाए</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* यह नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाए, मकान पर भी चिपकाया जाए</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* नोटिस में बताया जाए कि निर्माण कैसे अवैध है? उसे वैध साबित करने के लिए भवन मालिक को कौन से कागजात पेश करने होंगे</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* जिसे नोटिस भेजा गया है, उसे कम से कम 15 दिन का समय दें. उससे पहले कार्रवाई न हो. अगर कोई खुद अवैध निर्माण हटाना चाहता है, तो उसे ऐसा करने दिया जाए</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* भवन मालिक का जवाब सुन कर आदेश पारित करें</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* यह देखा जाए कि क्या जुर्माना वसूल कर निर्माण को नियमित किया जा सकता है या क्या सिर्फ कुछ हिस्से को तोड़ना जरूरी हो</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* मकान तभी गिराएं जब इसके अलावा कोई विकल्प न हों</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* भवन के मालिक को जो नोटिस भेजा गया है, उसकी जानकारी जिले के डीएम को भी भेजें</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* सभी डीएम 1 महीने में विध्वंस से जुड़े मामलों को देखने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* एक पोर्टल बना कर 3 महीने में सभी नोटिसों की जानकारी उसमें डालें</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* निर्माण को ढहाते समय पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हो</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* कार्यवाही के दौरान वहां मौजूद नगरपालिका और पुलिस के अधिकारियों के नाम दर्ज किए जाएं</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">* जो अधिकारी इन निर्देशों का पालन न कर मनमाने तरीके से मकान गिराएंगे, उन्हें व्यक्तिगत रूप से इसकी भरपाई करनी होगी. मकान दोबारा बनाने का खर्च उनसे वसूला जाएगा.</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें: <a href="https://www.abplive.com/news/india/tamil-nadu-chennai-police-arrested-a-man-who-attack-on-doctor-in-cancer-hospital-2822433">चेन्नई में मरीज बनकर कैंसर अस्पताल में डॉक्टर के पास पहुंचा शख्स और चाकू से कर दिए 7 वार, क्या है वजह?</a></strong></div>
</div>
</div>
</blockquote>
</div>
</div>
</div>
</div>
</div>



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *